

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े पुत्र और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव मंगलवार को अपनी बहन रोहिणी आचार्य के पक्ष में खुलकर सामने आये और कहा कि यदि उनके माता-पिता का किसी भी तरह का मानसिक उत्पीड़न हुआ है, तो केंद्र सरकार और बिहार सरकार इसकी तत्काल निष्पक्ष जांच कराएं।
महुआ सीट से चुनाव हार चुके यादव ने अपने ‘X’ हैंडल पर पोस्ट कर रोहिणी आचार्य के हालिया आरोपों का समर्थन किया, जो उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी संजय यादव पर लगाए थे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार से आग्रह किया कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी पर किसी भी तरह का दबाव डाला गया हो तो उसकी जांच होनी चाहिए।
तेज प्रताप यादव ने लिखा, कहा जा रहा है कि कुछ जयचंद, मेरे माता-पिता पर मानसिक और शारीरिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि इसमें थोड़ी भी सच्चाई है तो यह सिर्फ हमारे परिवार पर हमला नहीं है, बल्कि राजद की आत्मा पर सीधा प्रहार है। मैं प्रधानमंत्री, अमित शाह जी और बिहार सरकार से विनम्र अनुरोध करता हूं कि इस मामले की निष्पक्ष, सख्त और त्वरित जांच कराई जाए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल में टिकट वितरण में गड़बड़ियां हुईं, पैसों के बदले टिकट दिए गए और चापलूसों की राजनीति ने उन समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया जिन्होंने वर्षों तक राजद को खड़ा किया।
तेज प्रताप ने कहा, आज यही जयचंद लालच और चापलूसी के चलते परिवार और संगठन दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मेरे पिता पहले से ही बीमार हैं, वह ऐसा भावनात्मक दबाव बर्दाश्त नहीं कर सकते।
यादव ने सरकार से यह भी मांग की कि यदि उनकी बहन, मां या पिता के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की की गई, गालियां दीं गईं या मानसिक/शारीरिक उत्पीड़न किया गया तो संजय यादव, रमीज नेमत खान और प्रीतम यादव जैसे लोगों पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, हमारी बहन का अपमान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जयचंदों को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने लिखा, रोहिणी दीदी के साथ जो हुआ, उसने मुझे भीतर तक हिला दिया है। मेरे साथ जो हुआ, उसे सह लिया, लेकिन अपनी बहन का अपमान नहीं सह सकता। बिहार की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य ने रविवार को आरोप लगाया था कि उन्हें ‘गंदी गालियां’ दी गईं और यह कहा गया कि उन्होंने अपने पिता को ‘गंदी किडनी’ देकर उसके बदले ‘करोड़ों रुपये और टिकट’ लिया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी की चुनावी हार के बाद उन्हें तेजस्वी यादव के 'सहयोगियों' ने माता-पिता के घर से 'निकाल दिया' जिसके बाद वह दिल्ली चली गईं।
कुछ वर्ष पहले अपने पिता को किडनी दान कर चुकीं आचार्य ने अपने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने यह बलिदान अपने पति, ससुराल और 3 बच्चों की चिंता किए बिना किया था।
तेजस्वी यादव और संजय यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा था, हर विवाहित महिला को अपने भाई के लिए ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, भाई को खुद किडनी देनी चाहिए या हरियाणा वाले दोस्त की।