गंगा नदी का पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य, कांग्रेस का दावा

केंद्र और नीतीश सरकार ने गंगा की ऐसी हालत कर दी
नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
Published on

नयी दिल्ली / पटना : कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र और बिहार सरकार ने राज्य में गंगा नदी की हालत ऐसी कर दी है कि उसका पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य। बिहार में सासाराम सीट से पार्टी सांसद मनोज कुमार ने यह भी कहा कि ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत गंगा नदी का पानी शुद्द करने के जो भी वादे किए गए थे, वे ‘झूठे’ निकले।

कुमार ने कहा, नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार ने न तो-बाढ़ नियंत्रण की ओर कदम बढ़ाया और न ही गंगा का पानी पीने योग्य बनाया। यहां तक कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बिहार सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना तक लगाया। उन्होंने कहा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में थे। वह भ्रमण का कार्यक्रम बनाकर, भ्रामक घोषणाओं की झड़ी लगाते हैं, लेकिन आज हम एक चौंकाने वाला खुलासा करने जा रहे हैं।

कुमार ने दावा किया, बिहार में जद (यू) और भाजपा सरकार ‘नमामि गंगे’ योजना लाई थी, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि हम गंगा जी के पानी को शुद्ध करेंगे और भारत के लोगों को साफ पानी देंगे। लेकिन उन्होंने मां गंगा से झूठे वादे किए। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में गंगा और उसकी सहयोगी नदियों के लिए बनाए गए 13 अवजल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) में सिर्फ सात काम कर रहे हैं।

कुमार ने कहा कि ‘एफसी बैक्टेरिया’ की मात्रा आधिक होने के कारण एनजीटी ने कहा है कि यह पानी पीने लायक तो छोड़िए, नहाने लायक भी नहीं है। उनका कहना था, गंगा जी को हम पवित्र मानते हैं। हमारा विश्वास रहा है कि अगर हम इस पानी को पीते हैं तो कई बीमारियां खत्म हो जाती हैं, इसमें नहाने से हमारे पाप धुल जाते हैं। कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार ने गंगा नदी की ऐसी हालत कर दी कि उसका पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in