

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने निर्वाचन अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2 ईपीआईसी (मतदाता फोटो पहचान पत्र) नंबर रखने के लिए नोटिस भेजकर ‘खुद की गलती के लिए उन्हें दोषी ठहरा रहे हैं।’
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि पिछले सप्ताह भेजे गए नोटिस का ‘एक अच्छा जवाब’ तैयार किया जा रहा है, जिससे ‘उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचेगा।’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, मुझे निर्वाचन आयोग से नहीं, बल्कि पटना जिला प्रशासन से नोटिस मिला है। एक अच्छा जवाब तैयार किया जा रहा है और जवाब मिलने पर उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचेगा। वे अपनी गलती के लिए मुझे दोषी ठहरा रहे हैं। अगर मेरे नाम पर 2 ईपीआईसी नंबर जारी किए गए हैं तो यह किसकी गलती है ? आखिरकार, मैं एक ही जगह वोट डालता रहा हूं।
पिछले सप्ताह उन्होंने मसौदा मतदाता सूची में अपने ईपीआईसी नंबर को ऑनलाइन ढूंढने की कोशिश की थी, जिसका परिणाम ‘कोई रिकॉर्ड नहीं मिला’ आया।
तेजस्वी ने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत प्रकाशित मसौदा सूची में वरिष्ठ नौकरशाहों समेत कई अन्य धनी लोगों के नाम काट दिए गए हैं। उन्होंने व्यापक स्तर पर की जा रही इस कवायद की प्रभावशीलता पर गंभीर संदेह जताया। राजद नेता ने आरोप लगाया कि यह ‘राज्य में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग को मदद पहुंचाने का प्रयास है।’
पटना जिला प्रशासन ने तेजस्वी के आरोपों का खंडन करते हुए मसौदा मतदाता सूची के एक हिस्से का स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें उनके साथ-साथ उनके पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के नाम और तस्वीरें भी देखी जा सकती थीं।
हालांकि, तेजस्वी अपनी बात पर अड़े रहे और निर्वाचन अधिकारियों पर ‘उनका ईपीआईसी नंबर बदलने’ का आरोप लगाया, जबकि सत्तारूढ़ राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने मांग की कि राजद नेता के पास 2 मतदाता पहचान पत्र होने के कारण उन पर मुकदमा चलाया जाए।