निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची पुनरीक्षण का फैसला वापस लेना चाहिए, दीपांकर भट्टाचार्य ने की मांग

स्पष्टीकरण से और भी भ्रम पैदा कर रहा
दीपांकर भट्टाचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य
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नयी दिल्ली/ पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर अपने स्पष्टीकरण से और भी भ्रम पैदा कर रहा है, जबकि इसे इस मनमाने निर्णय को वापस लेना चाहिए। भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि मतदाता सूची के सामान्य रूप से अद्यतन करने के आधार पर चुनाव कराना चाहिए जैसा कि पिछले दो दशकों के दौरान हर चुनाव में किया गया है।

निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को कहा था कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की जरूरत है क्योंकि ये कई कारणों से बदलती रहती हैं और संविधान में प्रावधान है कि केवल पात्र नागरिक ही मतदाता सूची का हिस्सा हों और जो नहीं हैं, वो वोट नहीं दे सकें। आयोग ने यह टिप्पणी उस वक्त की, जब कई विपक्षी दलों ने कहा है कि गहन पुनरीक्षण के कारण राज्य मशीनरी का उपयोग करके बड़ी संख्या में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किए जाने का खतरा है।

भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा, ईसीआई बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बारे में जितना अधिक स्पष्टीकरण देना चाहता है, उतना ही अधिक भ्रमित और गुमराह होता जाता है। उन्होंने सवाल किया कि अब यह कहकर एसआईआर को मामूली विषय बनाने की कोशिश क्यों की जा रही है कि नामावली को सालाना संशोधित किया जाता है ? वामपंथी नेता ने दावा किया, केवल नागरिक ही वोट देने के हकदार हैं, लेकिन भारत में पहले कभी भी मतदाताओं से अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नहीं कहा गया था। अब प्रत्येक मतदाता पर संदेह किया जा रहा है और उन दस्तावेजों की मदद से अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा जा रहा है जो भारत में बहुत सारे लोगों के पास अभी भी नहीं हैं।

उन्होंने कहा, इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं देता है कि एसआईआर शुरू करने से पहले उसने किसी भी राजनीतिक दल के साथ पूर्व परामर्श क्यों नहीं किया? अचानक इसकी घोषणा क्यों की गई ? भट्टाचार्य ने सवाल किया कि अब आयोग बिहार के 4.96 करोड़ मतदाताओं के बारे में बात करके झूठी सांत्वना देना चाहता है, जिन्हें दस्तावेज़ जमा नहीं करने होंगे, लेकिन राज्य के उन 3 करोड़ मतदाताओं का क्या, जिन्हें दस्तावेज जमा करना होगा ?

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