दीनदयाल उपाध्याय ने मानवतावाद के प्राचीन भारतीय आदर्श को राजनीति में लाया : राज्यपाल

‘एकात्म मानववाद’ के दर्शन पर आयोजित संगोष्ठी
बाधगया में एक संगोष्ठी को संबोधित करते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
बाधगया में एक संगोष्ठी को संबोधित करते राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
Published on

बोधगया : बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को हिंदुत्व के आदर्श पुरुष माने जाने वाले दीनदयाल उपाध्याय की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘मानवतावाद के प्राचीन भारतीय आदर्श’ को राजनीति में लाने का श्रेय दिया।

खान ने यहां दिवंगत दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद’ के दर्शन पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, दुनिया में पांच प्रमुख सभ्यताओं का अस्तित्व माना जा सकता है। ये हैं भारतीय, चीनी, ईरानी, रोमन और तुर्की। हमारी सभ्यता सभी अन्य सभ्यताओं का सम्मान करती है।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि ‘मानवता’ भारतीय सभ्यता का एक प्रमुख घटक है, जैसा कि वेदों, भगवद गीता और शंकराचार्यों के ग्रंथों और स्वामी विवेकानंद जैसे आधुनिक विचारकों से स्पष्ट है।

खान ने कहा, उपाध्याय का एकात्म मानवतावाद का दर्शन इस आदर्श को राजनीति में लाने का एक प्रयास था। यह शब्द विविधतापूर्ण भरे इस राष्ट्र के लिए बिल्कुल उपयुक्त है और यह हमारे संविधान में निहित सभी आदर्शों को समेटे हुए है।

इस संगोष्ठी में अन्य लोगों के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव, गुरु प्रकाश पासवान और विनय सहस्रबुद्धे भी शामिल हुए।

इस अवसर पर राम माधव ने कहा, महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय को पिछली सदी में हमारे देश में पैदा हुए दो मौलिक विचारक कहा जा सकता है।

वरिष्ठ भाजपा नेता माधव ने कहा, दुर्भाग्य से, हम अपनी जड़ों के प्रति सच्चे नहीं रहे हैं और पश्चिम की ओर देखने की प्रवृत्ति रखते हैं, यही कारण है कि अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को ऐसे देश के रूप में देखा जाता है जिसने कोई महान विचारक पैदा नहीं किया है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in