
पटना : कांग्रेस की बिहार इकाई के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने बुधवार को राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर धार्मिक न्यास बोर्ड के गठन में ब्राह्मण समुदाय की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि यदि ‘ब्राह्मणों के तिरस्कार और अपमान’ का यह रवैया नहीं बदला तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समूचे प्रदेश में पुरजोर विरोध का सामना करना पड़ेगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले महीने राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया था और इसका अध्यक्ष भाजपा नेता रणवीर नंदन को बनाया। राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल समेत 10 लोगों को बोर्ड में सदस्य नामित किया गया।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य झा का दावा है कि ब्राह्मण समुदाय से किसी को भी इस बोर्ड में जगह नहीं दी गई। झा ने कहा, बिहार में राजग की सरकार ने जो धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया है, उसमें ब्राह्मण समाज से एक व्यक्ति को भी सदस्य बनाने की जरूरत नहीं समझी। ये एक बड़ी साजिश है। ब्राह्मणों के अपमान का प्रयास किया गया है। उनका कहना है कि धर्म और धार्मिक स्थलों की रक्षा तथा सनातन संस्कृति के संरक्षण में ब्राह्मण समुदाय ने अग्रणी भूमिका निभाई है, ऐसे में इस तरह के धार्मिक बोर्ड में उनको महत्वपूर्ण स्थान मिलना चाहिए था।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य झा का दावा है कि ब्राह्मण समुदाय से किसी को भी इस बोर्ड में जगह नहीं दी गई। झा ने कहा, बिहार में राजग की सरकार ने जो धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया है, उसमें ब्राह्मण समाज से एक व्यक्ति को भी सदस्य बनाने की जरूरत नहीं समझी। ये एक बड़ी साजिश है। ब्राह्मणों के अपमान का प्रयास किया गया है। उनका कहना है कि धर्म और धार्मिक स्थलों की रक्षा तथा सनातन संस्कृति के संरक्षण में ब्राह्मण समुदाय ने अग्रणी भूमिका निभाई है, ऐसे में इस तरह के धार्मिक बोर्ड में उनको महत्वपूर्ण स्थान मिलना चाहिए था।
झा ने बिहार सरकार द्वारा जारी की गई धार्मिक न्यास बोर्ड की अधिसूचना पर आपत्ति जताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा, मैं इस अधिसूचना की तीव्र निंदा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि ब्राह्मणों के साथ तिरस्कार भाव को जल्द से जल्द खत्म करें अन्यथा पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का जोरदार ढंग से विरोध किया जाएगा।