बिहार : मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को भेजा 100 करोड़ का मानहानि नोटिस

कहा- माफी मांगें या मानहानि के लिए 100 करोड़ रुपये का हर्जाना दें
प्रशांत किशोर
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पटना : बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को कानूनी नोटिस भेजते हुए उनसे ‘बिना शर्त माफी’ मांगने या फिर 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहने को कहा।

पिछले सप्ताह पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी करीब 200 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि की कथित रूप से अनियमित खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं।

ग्रामीण कार्य विभाग का प्रभार संभाल रहे अशोक चौधरी ने अपने अधिवक्ता कुमार अंजनय शानू के माध्यम से भेजे गये नोटिस में किशोर से कहा है कि वह ‘या तो अपने आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत प्रस्तुत करें, या फिर लिखित और एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर मौखिक रूप से सार्वजनिक तौर पर बिना शर्त माफी मांगें।’

नोटिस में कहा गया है कि प्रशांत किशोर के बयान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी की साख को अपूरणीय क्षति पहुंची है और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।

नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि नोटिस प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर उपयुक्त उत्तर नहीं दिया गया, तो ‘100 करोड़ रुपये के हर्जाने के लिए दीवानी मुकदमा’ दायर किया जाएगा।

जन सुराज पार्टी के संस्थापक किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी ने अपने करीबी रिश्तेदारों और एक न्यास के माध्यम से ‘200 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति खरीदी है।’

तीन महीने पहले चौधरी ने किशोर के खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उस समय किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) से लोकसभा चुनाव लड़ने के खातिर टिकट लेने के लिए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को रिश्वत दी थी। शांभवी वर्तमान में समस्तीपुर से सांसद हैं।

सात पन्नों के इस नोटिस में अधिवक्ता शानु ने किशोर को पिछली मानहानि वाली याचिका को याद दिलाते हुए कहा, सुधार करने के बजाय आपने मेरे मुवक्किल पर नए तरह के झूठे, निरर्थक और प्रतिष्ठा धूमिल करने के आरोप लगाए हैं।

यह भी बताया गया कि जद(यू) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे किशोर को पांच साल पहले अनुशासनहीनता के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था। किशोर पर चौधरी के खिलाफ ‘सोची-समझी मुहिम’ चलाने का आरोप लगाया।

आगामी विधानसभा चुनावों में बिहार में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे जन सुराज पार्टी के संस्थापक पर राज्य की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता हासिल करने के लिए मंत्री की ‘‘पद और प्रतिष्ठा को धूमिल’’ करने का आरोप लगाया गया है।

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