

पटना : महागठबंधन ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ‘तेजस्वी प्रण’ नाम से अपना संयुक्त घोषणापत्र जारी किया, जिसमें वादा किया गया कि उसकी सरकार बनने के 20 दिन के भीतर एक विधेयक लाकर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
उसने संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर बिहार में रोक लगाने, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने, केंद्र सरकार द्वारा तैयार नई शिक्षा नीति के ‘दुष्प्रभावों’ की समीक्षा करने, आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने के लिए विधानसभा द्वारा पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की केंद्र सरकार से अनुशंसा करने तथा कई अन्य वादे किए हैं।
विपक्षी गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, उप मुख्यमंत्री पद के चेहरा एव विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और कई अन्य नेताओं की मौजूदगी में चुनावी घोषणा पत्र जारी किया गया जिसे ‘तेजस्वी प्रण’ नाम दिया गया है।
इस मौके पर तेजस्वी ने कहा, यह दलों और दिलों का प्रण है। एक-एक घोषणा दिल से लिया गया प्रण है। एक-एक प्रण को प्राण झोंककर पूरा करना पड़े तो भी हम लोग इसे पूरा करेंगे।उन्होंने यह भी कहा, हमने जनता के सामने हमेशा अपना ‘विजन’ रखा है और आज ‘संकल्प पत्र’ बिहार के सामने रख रहे हैं। हमने प्रण लिया है कि बिहार को नंबर-एक बनाएंगे।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों और भ्रष्ट अधिकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘पुतला’ बनाकर रखा है। उन्होंने यह भी कि वह नीतीश कुमार के प्रति पूरी सहानुभूति रखते हैं।
महागठबंधन ने घोषणापत्र में वादा किया है कि सरकार बनने के 20 दिन के भीतर ही बिहार के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए विधेयक लाया जाएगा तथा 20 महीने की रूपरेखा के कार्यान्वयन पर काम शुरू हो जाएगा। यह वादा भी किया है कि सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान सवा करोड़ रोजगार का सृजन किया जाएगा।
विपक्षी गठबंधन का कहना है कि अगर सरकार बनी तो दलितों, अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़े, पिछड़े वर्ग के भूमिहीन लोगों को शहरी क्षेत्र में तीन डिसमिल (भूमि माप की इकाई) तथा ग्रामीण क्षेत्र में पांच डिसमिल आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार बनने पर बिहार में वक्फ संशोधन कानून पर रोक लगाई जाएगी।
इस घोषणापत्र में कहा गया है, सभी अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। वक्फ संशोधन विधेयक (कानून) पर रोक लगाई जाएगी और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाते हुए इसे समुदाय के लिए अधिक कल्याणकारी और उपयोगी बनाया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने इससे पहले 26 अक्टूबर को कहा था कि गठबंधन के सत्ता में आने पर इस वक्फ (संशोधन) अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। संसद ने विपक्ष के कड़े विरोध के बीच इस साल अप्रैल में वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी जो अब कानून बन चुका है।
घोषणापत्र में कहा गया है, किसी भी धार्मिक संस्थान या स्थल पर हमले को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। सांप्रदायिक उन्माद, उत्पात, हिंसा, ‘हेट स्पीच’ और ‘मॉब लिंचिंग’ पर सख्त रोक लगाई जाएगी, तथा अपराधियों को त्वरित और कठोर सजा दी जाएगी।
इसमें कहा गया है कि आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय की समानता और उन्नति सुनिश्चित करने के लिए सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू किया जाएगा।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2 चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना 14 नवंबर को होगी।