महज 27 वोट से हार गया दीपू

भारत के चुनाव के इतिहास में ऐसा कई बार देखा जाता है जब प्रत्याशी के जीत-हार में महज कुछ वोटों का मामूली अंतर होता है, बिहार विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही कुछ दिखने को मिला...
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पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के अधिकांश नतीजे घोषित हो चुके हैं और तस्वीर लगभग साफ है, लेकिन कई सीट पर मुकाबला इतना करीबी रहा कि जीत–हार का अंतर 500 वोट से भी कम है।

दीपू कौन ?

दीपू को महज 27 वोट से मिली हार चर्चा का कारण बन गई है। आप सोच रहे होंगे कि ये दीपू कौन है जिसे 27 वोट से हार मिली ? तो हम बता दे कि दीपू सिंह बिहार की संदेश विधानसभा सीट से राष्ट्रिय जनता दल (RJD) के उमीदवार थें जिन्हें कुल 80,571 वोट मिले जबकि जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रत्याशी राधा चरण शाह को मिले कुल 80,598 वोट। मतलब महज 27 वोट के अंतर से दीपू सिंह की हो गई हार।

भारत के चुनाव के इतिहास में ऐसा कई बार देखा जाता है जब प्रत्याशी के जीत-हार में महज कुछ वोटों का मामूली अंतर होता है। बिहार विधानसभा चुनाव में भी ऐसा देखा गया जहां संदेश सीट राज्य में सबसे कम अंतर से जीती जाने वाली सीट साबित हुई।

कई जगह 100 वोट से भी कम का अंतर

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जीत-हार का अंतर 100 वोट से भी कम है।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य की अगिआंव, बलरामपुर, ढाका, फारबिसगंज, नबीनगर, रामगढ़ और संदेश सीट पर जीत–हार का अंतर 500 से कम रहा। बलरामपुर में 389, ढाका में 178, फारबिसगंज में 221, नबीनगर में 112 और रामगढ़ में 175 वोट का अंतर दर्ज किया गया। वहीं अगिआंव के लिए चुनाव में जीत-हार का अंतर 100 वोट से भी कम रहा। अगिआंव में 95 वोट के अंतर से फैसला हुआ।

इसके अलावा बख्तियारपुर, बोध गया, चनपटिया और जहानाबाद उन विधानसभा क्षेत्रों में शामिल हैं जहां जीत–हार का अंतर 1000 से 500 के बीच रहा। बख्तियारपुर में 981, बोध गया में 881, चनपटिया में 602 और जहानाबाद में 793 वोट के अंतर से जीत दर्ज की गई। चुनाव के दौरान महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया।

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