पटना: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलावा सामने आया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पार्टी आप सबकी आवाज (एएसए) ने रविवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में विलय करा दिया गया। इसको लेकर रविवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन किय गया। यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री का स्वागत करते हुए, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि सिंह के आने से पार्टी को संगठनात्मक दृष्टि से और निराश मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए मजबूती मिलेगी। किशोर ने कहा कि सिंह के आने से पार्टी और बिहार में नई राजनीतिक व्यवस्था की तलाश करने वालों को फायदा होगा। हमने भाजपा को सत्ता में लौटने से रोकने के लिए हाथ मिलाया है।" दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडी(यू) की मौजूदा स्थिति पर तीखा हमला किया।
जदयू को बताया डूबता जहाज : किशोर ने जेडी(यू) कार्यकर्ताओं से डूबते जहाज को छोड़ने का आह्वान किया और दावा किया कि इसे अनुभवी राजनेताओं के बजाय "पांच ठेकेदारों" द्वारा चलाया जा रहा है। किशोर ने आरोप लगाया कि बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले ठेकेदार जेडी(यू) और राज्य सरकार दोनों में महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार न तो पार्टी चलाते हैं और न ही सरकार। जेडी(यू) चलाने वाले पांच लोगों से उनकी पार्टी के एक जिला अध्यक्ष का नाम पूछिए - वे जवाब नहीं दे पाएंगे। उन्होंने बिहार में प्रशासनिक मशीनरी की भी आलोचना की और इसे अधिकारियों का जंगलराज करार दिया। किशोर ने दावा किया कि मौजूदा शासन ढांचे में नेतृत्व और वैधता का अभाव है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी और जेडी(यू) में एक प्रभावशाली व्यक्ति माने जाने वाले आरसीपी सिंह का राजनीतिक सफर 2022 में पार्टी द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद से उथल-पुथल भरा रहा है।
अगला मुख्यमंत्री जन सुराज से होगा !
जब उनसे पूछा गया कि अगर पार्टी बहुमत हासिल करती है तो जन सुराज का मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, तो किशोर ने कहा कि कम से कम अब आप यह स्वीकार कर रहे हैं कि अगला मुख्यमंत्री जन सुराज से होगा। पार्टी सही समय पर नाम तय करेगी। किशोर ने कार्यक्रम के दौरान एक सनसनीखेज दावा किया, जिसमें कहा गया कि अशोक चौधरी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने एक बार उनसे राजद प्रमुख लालू प्रसाद से गठबंधन की संभावनाओं के बारे में बात करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन बातचीत के दौरान उनका अनादर किया गया था। इस विलय के साथ, जन सुराज खुद को एक गंभीर तीसरे विकल्प के रूप में स्थापित कर रहा है, जिसका लक्ष्य जेडी(यू) के असंतुष्ट मतदाता आधार को हासिल करना और युवा और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को आकर्षित करना है।
प्रशांत किशोर को सीएम नीतीश के पैतृक गांव में जाने से रोका
बिहारशरीफ : जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को रविवार को प्रशासन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में प्रवेश करने से रोक दिया। किशोर नालंदा जिले के अपने दौरे के दौरान कल्याण बिगहा गांव के स्थानीय लोगों से बातचीत करना चाहते थे। किशोर मुख्यमंत्री के पैतृक गांव से सरकार के ‘अधूरे’ वादों पर जवाब मांगने के लिए अपनी पार्टी का हस्ताक्षर अभियान शुरू करना चाहते थे, लेकिन जिला प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया। नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि जन सुराज पार्टी ने कल्याण बिगहा में ऐसी सभा आयोजित करने के लिए पूर्व में अनुमति नहीं ली थी। नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि जन सुराज पार्टी ने 18 मई को बिहार शरीफ (नालंदा जिला मुख्यालय) में एक जनसभा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी... जिला प्रशासन ने उन्हें अनुमति दे दी थी। पार्टी ने कल्याण बिगहा में ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं मांगी थी... यही कारण है कि उन्हें गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।’’