

पटना : बिहार सरकार ने मादक पदार्थ के अवैध व्यापार और तस्करी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक कार्यबल इकाई के गठन की घोषणा की है। अधिसूचना के अनुसार, मद्य निषेध एवं मादक पदार्थ निरोधक कार्यबल का नेतृत्व एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक) या महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी करेंगे।
एडीजीपी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने कहा, पुलिस ने मद्य निषेध और मादक पदार्थ इकाइयों के अधिकारक्षेत्रों को एक राज्यव्यापी कार्यबल में विलय करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए अवैध व्यापार एवं मादक पदार्थ के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
इस कदम का उद्देश्य मादक पदार्थ नेटवर्क को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त करना है। उन्होंने कहा, सिर्फ गिफ्तारियों से काम नहीं चलेगा। हमें इस गठजोड़ को तोड़ने के लिए एक मजबूत ढांचे और सक्षम अधिकारियों की जरूरत है।
नये विभाग में 100 नये पदों सहित 339 स्वीकृत पद होंगे। कृष्णन ने कहा कि बल आपूर्ति शृंखला में ‘संबंधों’ का पता लगाएगा। उन्होंने कहा, हमारा ध्यान थोक विक्रेताओं पर है, क्योंकि हम स्थापित अपराधियों की संपत्तियां जब्त कर रहे हैं और बड़े नेटवर्क को ध्वस्त कर रहे हैं।
कृष्णन ने इस दिशा में केंद्रीय एजेंसियों, विशेष कार्य बल और जिला पुलिस के योगदान की सराहना की। डुमरांव, पूर्णिया, किशनगंज और औरंगाबाद में हाल में संचालित अभियानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ पर काफी हद तक अंकुश लगाया गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, मुजफ्फरपुर और वैशाली जैसे कुछ जिलों में, एक नया कैप्सूल-आधारित मादक उत्पाद जब्त किया गया।
एडीजीपी ने यह भी बताया कि शराबबंदी वाले राज्य में मादक उत्पादों और शराब की तस्करी के लिए अक्सर महिलाओं का भी इस्तेमाल किया जाता है।