पश्चिम चंपारण में बाघ के हमले में किसान की मौत, एक वन रक्षक भी घायल, इलाके में दहशत

घोराघाट गांव के पास नर बाघ को बचाया गया
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पटना : बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में वाल्मीकि बाघ अभयारण्य (वीटीआर) के पास एक गांव में बाघ के हमले में 67 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई और एक वन रक्षक घायल हो गया।मृतक की पहचान मथुरा महतो के रूप में हुई है।

वीटीआर के क्षेत्रीय निदेशक नेशामणी के. ने कहा कि यह घटना उस समय की है जब महतो घोराघाट गांव में अपने खेत में काम कर रहे थे। ग्रामीणों ने देखा कि महतो अचानक अपने खेत से गायब हो गए। इसके बाद उनकी तलाश शुरू की गई। इस दौरान उन्होंने उस जगह बाघ के पैरों के निशान देखे जहां महतो काम कर रहा था। उन्होंने वन अधिकारियों को सूचित किया। वन गश्ती दल की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और महतो का पता लगाने के लिए तलाश अभियान शुरू किया।

नेशामणी ने बताया, गश्ती कर रहे वन रक्षकों को महतो का शव एक झाड़ी में मिला। जब उन्होंने उसका शव निकालने की कोशिश की तो वहीं बैठे बाघ ने एक वन रक्षक पर हमला कर उसे घायल कर दिया और वहां से भाग गया।

वन रक्षक को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद संबंधित अधिकारियों ने महतो का शव उसके परिवार को सौंप दिया।

बाद में, बाघ का पता लगाने के लिए भी तलाशी अभियान चलाया गया। मंगलवार सुबह घोराघाट गांव के पास नर बाघ को बचाया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि बाघ बूढ़ा है और उसमें गंभीर रूप से रक्त की कमी है। उसे पुनर्वास की आवश्यकता है। उसे इलाज के लिए संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर) भेजने पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

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