मुर्शिदाबाद और मालदह की हिंसा सरकार की निर्ममता का उदाहरण : पीएम

मुर्शिदाबाद और मालदह की हिंसा सरकार की निर्ममता का उदाहरण : पीएम

90 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं बंगाल में रुकी हुई हैं
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कोलकाता : मुर्शिदाबाद व मालदह में जो हुआ, वह यहां की सरकार की निर्ममता का उदाहरण है। गुरुवार को अलीपुरदुआर में भाजपा की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही। पीएम ने कहा, ‘दंगे में गरीबों की मां व बहनों की आजीवन पूंजी लुट जाती है, तुष्टीकरण की राजनीति के नाम पर बदमाशों को खुली छूट दे दी गयी। ये सरकार चलाने वाले तृणमूल के नेता, विधायक, पालिका के पार्षदों का घर चिह्नित कर जला दिया गया और पुलिस तमाशा देख रही थी। मैं बंगाल के लोगों से पूछना चाहता हूं कि इस तरह क्या सरकार चलती है ? बंगाल के लोगों पर हुए अत्याचारों के कारण यहां सरकार पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है। यहां प्रत्येक क्षेत्र में कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ता है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बगैर किसी समस्या का समाधान नहीं होता है। बंगाल के लोग तृणमूल सरकार पर और भरोसा नहीं रख पा रहे हैं। यहां के लोगों का अब एक ही आश्रय कोर्ट है।’

शिक्षक नियुक्ति के मुद्दे पर भी बरसे

पीएम मोदी ने कहा, ‘दुर्नीति किस सब कुछ ध्वंस कर देती है, यह हमने शिक्षक नियुक्ति घोटाले में देखा। इन्होंने हजारों शिक्षकों का जीवन, परिवार को नष्ट कर दिया, उनके बच्चों को असहाय कर दिया। तृणमूल सरकार ने हजारों बच्चों का भविष्य नष्ट कर दिया। यह केवल कुछ हजार शिक्षकों के साथ दुर्नीति नहीं है बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल के लाखों लाेगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। इतना बड़ा पाप करने के बावजूद अपनी गलती स्वीकार ना कर तृणमूल सरकार कोर्ट को ही दोषी ठहरा रही है। भाजपा ऐसा नहीं होने देगी।’

गरीबों, दलिताें, आदिवासियों के साथ कैसी दुश्मनी ?

दलितों व आदिवासियों को लेकर पीएम ने कहा, ‘राजनीति अपनी जगह है, लेकिन गरीबों, दलितों, पिछड़ी जाति व महिलाओं से तृणमूल क्यों दुश्मनी कर रही है ? बंगाल के एससी, एसटी, ओबीसी के लिए केंद्र की एकाधिक योजनाएं यहां चालू करने नहीं दी जा रही हैं। देश भर में आयुष्मान भारत के तहत बगैर मूल्य के इलाज किया जा रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल के लोगों को यह सुविधा नहीं मिल रही है। देश भर में केंद्र सरकार आवास योजना के तहत घर बनवा रही है, लेकिन यहां रुक गया है, ये कटमनी चाहते हैं। तृणमूल सरकार इतनी निर्मम क्यों है। विश्वकर्मा योजना के तहत भी यहां 8 लाख आवेदन रुके हुए हैं। तृणमूल गरीब आदिवासियों का विकास नहीं होने देती। 2022 में एनडीए ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित किया, उस समय तृणमूल सरकार ने ही सबसे पहले विरोध जताया था।’

नीति आयोग की अहम बैठक में नहीं आयी बंगाल सरकार

पीएम ने कहा, ‘कुछ दिन पहले नीति आयोग की बैठक हुई थी जो काफी अहम बैठक है। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री आते हैं। हालांकि दुख का विषय है कि इस बार बंगाल सरकार बैठक में मौजूद नहीं थी, अन्य सभी दलों के प्रतिनिधि आये थे। हम सबने मिलकर चर्चा की, लेकिन तृणमूल 24 घण्टे राजनीति में व्यस्त है। उन्हें किसी और चीज की आवश्यकता नहीं है, पश्चिम बंगाल और यहां के लोगों का विकास उनके लिए अहम नहीं है।’

400 कि.मी. भी सड़क नहीं बन पायी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में 4 हजार कि.मी. सड़क निर्माण की पहल की गयी थी। यह काम गत वर्ष ही पूरा होने की बात थी, लेकिन यहां 400 कि.मी. सड़क निर्माण भी नहीं हो पाया है। पीएम ने कहा, ‘इस सरकार ने 16 परियोजनाएं रोक रखी हैं। 90 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं रुकी हुई हैं। हाईवे, मेट्रो, रेल, अस्पताल, सभी जगहों का काम रुका हुआ है। पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ यह बड़ा धोखा हुआ है।’

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