बांस के सहारे जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर है ग्रामवासी

प्रशासनिक उदासीनता के बीच ग्रामीणों ने उठाया कदम : श्रमदान से कर रहे नदी पर पुल निर्माण
जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को करते ग्रामवासी
जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को करते ग्रामवासी
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अजय साह

कालचीनी : बरसों से पुल के अभाव में जान हथेली पर रखकर नदी पार करने को मजबूर ग्रामीणों ने अब खुद अपनी किस्मत बदलने का बीड़ा उठा लिया है। अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक के दक्षिण लताबाड़ी क्षेत्र में साहेब जोत झोरा नदी पर प्रशासनिक पहल के अभाव में ग्रामीणों ने श्रमदान कर ब्रिज निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। यह तस्वीर सरकारी उदासीनता और जनता की जिजीविषा का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करती है। दक्षिण लताबाड़ी के सोमरा बाजार इलाके के सैकड़ों निवासियों के लिए नदी पार करना रोजमर्रा की बड़ी चुनौती रही है। वर्षों से नदी पर कोई पक्का पुल नहीं बन पाया है, जिसकी वजह से बाजार, अस्पताल, स्कूल जैसे जरूरी स्थलों तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को नदी पार करनी पड़ती है। बरसात के मौसम में जब नदी उफान पर होती है तो आवागमन पूरी तरह ठप हो जाता है और मजबूरन लोगों को चार किलोमीटर लंबा चक्कर काटना पड़ता है। सूखे मौसम में ग्रामीण बांस के सहारे नदी पार करते हैं। कुछ बांस रखकर अस्थाई रास्ता तैयार किया जाता है, जो अत्यंत जोखिमपूर्ण होता है। हर कदम पर जान का खतरा बना रहता है फिर भी कोई विकल्प न होने के कारण सैकड़ों परिवारों को इसी रास्ते का सहारा लेना पड़ता है।

यह कहना है स्थानीय निवासियों का

इस विषय पर स्थानीय निवासियों में सोमरा उरांव और मांगे बारला ने बताया कि ब्रिज की समस्या हमारी वर्षों पुरानी समस्या है। स्थानीय ग्राम पंचायत सदस्यों और प्रधान को बार-बार सूचित करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। अंततः खुद अपने स्वयं के धन और स्वैच्छिक श्रम से एक कंक्रीट पुल का निर्माण कर रहे हैं। निवासियों ने यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं ही पक्का पुल बनाने का काम शुरू कर दिया है। उनका लक्ष्य मानसून से पहले इस पुल का निर्माण पूरा करना है। अन्यथा हर साल की तरह इस साल भी हमें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस विषय पर स्थानीय निवासी व भाजपा नेता प्रवीण एलमो ने कहा कि यह समस्या निवासियों के लिए लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन सरकार इस बारे में कुछ नहीं कर रही है। मजबूरन यहां के निवासी अपनी जान जोखिम में डालकर यातायात कर रहे हैं। ग्रामीणों को प्रशासन पर अब भरोसा नहीं रहा इसलिए निवासी अब स्वयं पहल करके धन और स्वैच्छिक श्रम से पुल का निर्माण कर रहे हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस संचालित लताबाड़ी ग्राम पंचायत के प्रधान धीरेन बघवार ने कहा कि, "यह समस्या कई वर्षों से चली आ रही है। मैं खुद भी उस इलाके का पंचायत सदस्य हूं। समस्या के समाधान के लिए इंजीनियर के साथ कई बार स्थल निरीक्षण किया गया है और पुल निर्माण को कार्ययोजना में भी शामिल किया गया है। इस मुद्दे पर स्थानीय निवासी और भाजपा नेता प्रवीण एलमो ने भी प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह समस्या काफी पुरानी है लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। अब ग्रामीणों को प्रशासन पर विश्वास नहीं रहा इसलिए वे स्वयं धन और श्रम लगाकर पुल बना रहे हैं।

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