Underwater Metro ऐतिहासिक क्षण : गंगा के नीचे से हावड़ा मैदान पहुंची पहली मेट्रो रेक

Underwater Metro ऐतिहासिक क्षण : गंगा के नीचे से हावड़ा मैदान पहुंची पहली मेट्रो रेक
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ईस्ट-वेस्ट मेट्रो : गंगा के नीचे पहली बार किया गया 'टेस्ट रन'
सुरंग के माध्यम से दो मेट्रो रैक एस्प्लेनेड से पहुंची हावड़ा मैदान
अगले 7 महीनों तक जारी रहेगा सेफ्टी रन उसके बाद होगा ट्रायल : जीएम
अक्टूबर 2023 तक शुरू हो सकती है परिसेवा
8 से 10 मिनट में पहुंच सकेंगे हावड़ा से एस्प्लेनेड
एक टेस्ट रन की मुख्य बातें
11.38 बजे शुरू हुआ टेस्ट रन
11.55 बजे हुगली नदी पार हुआ
बीएमसी रेक का किया गया इस्तेमाल
​शिव कुमार थे बीएमसी रेक के मोटरमैन
5 से 10 किलोमीटर की रफ्तार में हुआ सेफ्टी रन
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता मेट्रो ने 12 अप्रैल बुधवार को एक और इतिहास रच दिया है। लंबे इंतजार के बाद बुधवार को देश की पहली मेट्रो हुगली नदी के नीचे दौड़ी। भारत में पहली बार मेट्रो ने नदी के नीचे यात्रा पूरी की है। मेट्रो रेलवे के जीएम एवं केएमआरसीएल के चेयरमैन पी उदय कुमार रेड्डी ने महाकरण से हावड़ा मैदान स्टेशन तक रेक नं. एमआर-612 को रवाना किया। वे इस ऐतिहासिक घटना का गवाह भी बने। इस रेक ने हुगली नदी को 11:55 बजे पार किया। जीएम के साथ एजीएम व केएमआरसीएल के एमडी एच एन जायसवाल के साथ-साथ मेट्रो रेलवे और केएमआरसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस यात्रा के दौरान मौजूद थे। ट्रेन के पहुंचने के बाद रेड्डी ने हावड़ा स्टेशन पर पूजा की। बाद में रैक नंबर एमआर-613 को भी हावड़ा मैदान स्टेशन ले जाया गया। इसे ऐतिहासिक घटना बताते हुए जीएम ने बताया कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक टेस्ट रन अगले 7 महीनों तक चलेगा और सेफ्टी रन कंप्लीट होने के बाद ही इस सेक्शन पर पहली बार ट्रायल रन होगा। उम्मीद है कि आगामी अक्टूबर 2023 तक नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
45 सेकेंड में हाेगा हावड़ा ब्रिज पार : केएमआरसीएल के सभी कर्मचारी, इंजीनियर जिनके प्रयासों और देखरेख में इस इंजीनियरिंग चमत्कार को हासिल किया गया है, वे खुश हैं कि उनका सपना सच हो गया है। फिलहाल इस रेक का टेस्ट रन 5 से 10 किलोमीटर की रफ्तार से किया गया है। बाद में यह 80 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी। इसमें हावड़ा ब्रिज पार करने में 45 सेकेंड एवं हावड़ा से एस्प्लेनेड तक जाने में मात्र 8 से 10 मिनट में पहुंच पायेंगे।
एक क्रांतिकारी कदम है : सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने कहा है कि मेट्रो रेलवे के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि कई बाधाओं को पार करने के बाद हम हुगली नदी के नीचे रेक चलाने में सफल हुए हैं। कोलकाता और उपनगरों के लोगों को एक आधुनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम है। यह वास्तव में बंगाल के लोगों के लिए भारतीय रेलवे की ओर से एक विशेष नए साल का तोहफा है।
जल्द ही परीक्षण हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक : चूंकि दो मेट्रो रेक बुधवार को एस्प्लेनेड स्टेशन से हावड़ा मैदान स्टेशन पर ले जाई गई हैं, जल्द ही परीक्षण हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक 4.8 किलोमीटर भूमिगत सेक्शन पर चलेगा। उम्मीद है कि इस सेक्शन पर वाणिज्यिक सेवाएं इस साल शुरू हो जाएंगी। एक बार यह सेक्शन खुल गया तो हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन (सतह से 33 मीटर नीचे) हो जाएगा। नदी के नीचे बनी यह सुरंग जलस्तर से 32 मीटर नीचे है।

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