
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की महिलाओं की गरिमा को लेकर उठे विवाद के केंद्र में आए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी पर तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेताओं ने जमकर निशाना साधा है। सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार और राज्य की मंत्री डॉ. शशि पांजा ने रविवार को संदेशखाली रैली में शुभेंदु द्वारा महिलाओं के सिंदूर और चूड़ियों की कीमत लगाने वाले की गयी टिप्पणी को 'घोर अपमानजनक' बताया।
संदेशखाली में महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणियाँ उनकी गरिमा को पहुंचाई ठेस
डॉ. शशि पांजा ने कहा, शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि महिलाएं 500-1000 रुपये की खातिर अपनी चूड़ी-सिंदूर बेच रही हैं। ये ‘लक्ष्मी भंडार’ योजना का अपमान है, जिससे बंगाल की 2.21 करोड़ महिलाएं सशक्त हो रही हैं। भाजपा की योजना सीमित और भेदभावपूर्ण है, जबकि बंगाल में हर महिला को इस योजना का लाभ मिलता है। डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, शुभेंदु और भाजपा नेतृत्व बार-बार बंगाल की महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। संदेशखाली में उन्होंने महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणियाँ कीं और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी ऐसे नेताओं के साथ खड़े दिखते हैं। बंगाल की हर महिला इसका विरोध करती है। भाजपा की दोहरी मानसिकता पर निशाना साधते हुए डॉ. पांजा ने सवाल उठाया, अगर भाजपा सच में महिलाओं की हितैषी है, तो क्यों महाराष्ट्र या दिल्ली जैसे भाजपा-शासित राज्यों में महिलाओं को समान लाभ नहीं मिलते? क्यों नहीं हर महिला को 3000 रुपये की सहायता मिलती?
भाजपा को 2026 के चुनाव में इसका करारा जवाब मिलेगा
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संदेशखाली की महिलाओं से झूठे मामलों के लिए सादा कागजों पर हस्ताक्षर लिये गये थे। उन्होंने कहा, एक स्टिंग वीडियो में भाजपा नेता खुद मानते हैं कि महिलाओं को गुमराह किया गया। तृणमूल नेताओं ने केंद्र द्वारा बंगाल के फंड रोकने का मुद्दा भी उठाया। घोष दस्तीदार ने कहा, केंद्र ने बंगाल के 1.75 लाख करोड़ रुपये रोक दिए हैं। अभिषेक बनर्जी को इस अन्याय के खिलाफ दिल्ली और कोलकाता में धरना देना पड़ा। भाजपा सिर्फ बंगाल से टैक्स लेती है, बदले में उसका हिस्सा नहीं देती। भाजपा नेताओं की महिला-विरोधी टिप्पणियों की सूची गिनाते हुए उन्होंने कहा, सुकांत मजुमदार से लेकर दिलीप घोष तक, सभी ने ममता बनर्जी के खिलाफ अभद्र टिप्पणियाँ की हैं। एक नेता ने तो कहा कि ‘पत्नी का चेहरा देखकर मुख्यमंत्री याद आती हैं।’ यह राजनीति नहीं, अभद्र अपमान है। इस सिलसिले में महिला जिलाध्यक्ष स्वप्ना बोस ने कहा, भाजपा को 2026 के चुनाव में इसका करारा जवाब मिलेगा।