मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर टीएमसी ने पूछे 11 सवाल

टीएमसी का मानना है कि मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब हो गयी है
मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर टीएमसी ने पूछे 11 सवाल
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कोलकाता: केन्द्र में मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर तृणमूल कांग्रेस ने सरकार से 11 सवाल पूछे हैं। वर्तमान सरकार में विपक्ष का मानना है कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल वोट हासिल करने के लिए खोखले वादे किए, कभी भी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया। इसी मुद्दे पर मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार के कभी पूरे नहीं हुए वादों पर आधारित 11 सवाल दागे।

मोदी सरकार के वादों का खोखलापन स्पष्ट हो गया है

तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जारी की जिसमें प्रधानमंत्री 11 साल में जुमले की 11 सीढ़ियों पर खड़े नजर आ रहे हैं। 11 साल के 11 सवाल में सबसे पहली बात जो उजागर की गई है, वह है मोदी ज़माना का जुमला। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने काला धन वापस लाने, किसानों की आय दोगुनी करने, सभी के सिर पर छत मुहैया कराने और सालाना 2 करोड़ बेरोजगार लोगों को रोजगार देने का वादा किया था। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य साहसिक वादे भी किये लेकिन इन 11 वर्षों में वह अपना कोटा भी पूरा नहीं कर सके। टीएमसी का दावा है कि मोदी सरकार के वादों का खोखलापन देशवासियों के सामने स्पष्ट हो गया है। इस संदर्भ में तृणमूल कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि हर भारतीय के बैंक खाते में जो 15 लाख रुपये जमा होने थे, उसका क्या हुआ? क्या काला धन देश में वापस आ गया? हर साल 2 करोड़ नौकरियों के वादे का क्या हुआ? क्या किसानों की आय दोगुनी हो गयी है? क्या 100 स्मार्ट शहर विकसित किये गये हैं? गरीब लोगों को हवाई यात्रा कराने के वादे का क्या हुआ? 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का क्या हुआ? पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्या कम हुईं? और भी बहुत कुछ। तृणमूल का दावा है कि मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर पैसा खर्च किया है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के बावजूद देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इस डबल इंजन वाली राज्य सरकार में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा जारी है। फिर जातीय हिंसा और धार्मिक ध्रुवीकरण है। किसानों की दुर्दशा के अलावा, मुद्रा के अवमूल्यन, पूंजीपतियों का प्रभुत्व और आर्थिक गिरावट सभी जारी हैं। मोदी सरकार के तहत मीडिया की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाया गया है। टीएमसी का मानना है कि मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब हो गयी है।

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