अनुब्रत के मामले की सुनवायी में ईडी के जवाब से असंतुष्ट दिखे जज

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तिहाड़ जेल में हैं अनुब्रत व उनके बाॅडीगार्ड सहगल
अगली सुनवायी 6 सितंबर को
सन्मार्ग संवाददाता
आसनसोल/कोलकाता : मवेशी तस्करी मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के ईडी के कदम को आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत ने एक बार फिर झटका दिया है। बीरभूम के तृणमूल जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल और उनके पूर्व अंगरक्षक सहगल हुसैन से जुड़े मामले में दो हफ्ते में दूसरी बार केंद्रीय एजेंसी अदालत में सवालों के घेरे में आ गई। जज का सवाल था कि आप इस मामले को आसनसोल से दिल्ली क्यों ले जाना चाहते हैं ? इस पर ईडी के वकील ने कहा कि इसकी छानबीन वहीं से हो रही है।
दिल्ली में ही क्यों हो इसकी छानबीन ?
ईडी के वकील अभिजीत भद्र से जज ने जानना चाहा कि क्या कोई केंद्रीय एजेंसी किसी मामले को अपनी मर्जी से किसी राज्य की अदालत में ले जा सकती है ? क्या ईडी के पास कोई सरकारी आदेश या गैजट नोटिफिकेशन है ? ईडी के वकील अभिजीत भद्र ने बहस करने की कोशिश की। याचिका के पक्ष में अधिनियम की विभिन्न धाराओं का हवाला दिया गया। जज ने पूछा कि कानून में कहां लिखा है कि आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच सिर्फ ईडी ही कर सकती है ? ईडी के वकील आर्थिक भ्रष्टाचार की कई धाराओं का जिक्र कर जज को समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन जज उनकी दलील से संतुष्ट नहीं हो सके। ईडी के वकील ने उच्च अधिकारियों से बात कर सही तर्क जानने के लिए समय मांगा। नतीजतन, शनिवार को दो सत्रों में डेढ़ घंटे तक ईडी की अर्जी के आधार पर सुनवाई हुई लेकिन इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। इस दिन निर्देश दिया कि इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार 6 सितंबर को होगी। अनुब्रत, उनकी बेटी सुकन्या, पूर्व अंगरक्षक सहगल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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