कोलकाता: कभी चिलचिलाती गर्मी ताे कभी बारिश, ऐसे मनमौजी मौसम के कारण फिर से सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है। बंगाल के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से सब्जी उत्पादन प्रभावित हुआ है। चक्रवात मोचा के कारण फसल के और नुकसान होने की आशंका है। नतीजतन कई किसान समय से पहले ही फसल को काट दे रहे हैं। यदि चक्रवात बंगाल से टकराता है, तो सब्जियों की गुणवत्ता और कीमतों पर प्रभाव प्रतिकूल होगा। कभी भीषण गर्मी के बाद तापमान में अचानक गिरावट, ताे कभी ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।
सब्जी विक्रेताओं ने कहा
मछुआ सब्जी मंडी में सब्जी बेचने वाले बिर्जू सिंह ने कहा कि पिछले 10 दिनों में फिर से सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, पर अगर मोचा बंगाल से टकरा गया तो सब्जियों की कीमत और भी बढ़ सकती है। हालांकि बारिश से शुरुआत में राहत की उम्मीद जगी, लेकिन यह सब्जी उत्पादन के लिए आफत साबित हुई। वहीं आलू विक्रेता धर्मनाथ चौधरी ने कहा कि मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण 16रु से 18रु प्रति किलो आलू अब 20रु प्रति किलो बिक रहा है।
क्या है सब्जियों की कीमत, प्रति किलो
तोरी – पहले 40रु, अब 60रु प्रति किलो
अदरक – पहले 80 से 100 रु अब 300रु प्रति किलो
करेला – पहले 50 रु , अब 80रु प्रति किलो
परवल – पहले 40रु , अब 60रु प्रति किलो
भिंडी – पहले 40रु , अब 60रु प्रति किलो
बैगन – पहले 40रु , अब 70रु प्रति किलो
गाजर – पहले 40रु, अब 60रु प्रति किलो
शिमला मिर्च – पहले 30 से 40रु , अब 60रु प्रति किलो। (शिमला मिर्च की कीमत अधिक बढ़ने की संभावना है।)
हालांकी टमाटर की कीमत पहले की तरह ही 30रु प्रति किलो है।
ग्राहकों ने कहा
सब्जियों की खरीददारी के दौरान मोल-तोल करती ग्राहक शकुंतला देवी ने सन्मार्ग से कहा कि बढ़ती कीमतों से आम जनता का आर्थिक बजट काफी बढ़ गया है। फल हो या सब्जी इसकी आवश्कता हमारे घरों में होती ही है। ऐसे में हमारे पास इन्हें कोई खरीदने के अलावा कोई चारा नहीं है। वहीं गायत्री सिंह ने कहा कि बढ़ती महंगाई ने तो लोगे के निवाले पर भी आफत मचा दी है। पर अपने स्वास्थ्य के साथ हम कोई समझौता नहीं कर सकते। ऐसे में इस महंगाई की मार झेलने के अलावा हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है।
ओला वृष्टि ने सब्जियों की कीमतों को पहुंचाया आसमान पर
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