कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, क्या है बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला ? | Sanmarg

कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, क्या है बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला ?

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार को झटका देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने 2016 के SSC भर्ती के पूरे पैनल को रद्द कर दिया है। इस कारण बंगाल के लगभग 25 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा। कोर्ट ने फर्जी शिक्षकों को चार हफ्ते के भीतर वेतन लौटाने का भी आदेश दिया है। हालांकि, कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक महिला की नौकरी बरकरार रखी है। यह महिला सोमा दास है, जो कैंसर की मरीज हैं। कोर्ट ने प्रशासन ने 15 दिन के अंदर नई भर्ती के लिए एक्शन लेने को कहा है।  यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू की गई थी। उस समय पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं।

क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला ?

पश्चिम बंगाल के स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने साल 2014 में टीचर्स भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था। उस समय पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे। ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, लेकिन आवेदकों ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। आरोप लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई। नंबर कम होने के बावजूद नौकरियां दी गईं, जबकि नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों ने TeT पास नहीं किया था।

CBI जांच के बाद मामले से पर्दा उठा

इस मामले में लगभग 5 साल तक चली सुनवाई के बाद मई 2022 में हाईकोर्ट ने CBI को भर्ती की जांच करने के आदेश दिए। दरअसल शिकायतकर्ताओं ने भर्ती के लिए 5-15 लाख रुपये की रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए थे। ऐसे में ED ने भी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की। सबूत हाथ लगने पर ED ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को पद से हटाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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याचिकाकर्ताओं ने लगाया गंभीर आरोप
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें मैरिट लिस्ट में ऊपर स्थान दिया गया। कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मैरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दी गई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे उम्मीदवारों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने TeT परीक्षा भी पास नहीं की थी। जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए TeT की परीक्षा पास होना अनिवार्य है। ED ने इस मामले में 2022 में जांच शुरू की थी। ED ने 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ED को अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। जब पार्थ चटर्जी से अर्पिता के बारे में पूछा गया तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद ED के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं।

अर्पिता के घर से करोड़ों रुपये हुआ बरामद

जब ED ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा तो उन्हें वहां से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले। अर्पिता एक मॉडल हैं। वे बंगला और ओडिशा फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करती रही हैं। ED ने अर्पिता के दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। इस दौरान ED को अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला था। इसके अलावा ED को 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल थे। बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने CBI को अपनी जांच जारी रखने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं।

 

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