

अलीपुरद्वार : डिजिटल युग में लोगाें ने अतीत का जीवंत नजारा देखा। दुल्हन भैंसा गाड़ी पर सवार होकर आई। दूल्हे ने शादी करने के लिए नौ भैंसों की गाड़ी पर 30 किलोमीटर का सफर तय किया। दूल्हा बने बेटे ने राजवंशी समुदाय की कृषि संस्कृति को संरक्षित करने के अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए ऐसा किया।
अलीपुरद्वार जिला के खोवारडांगा से शामुकतला थाना अंतर्गत महाकालगुड़ी ग्राम पंचायत के बालाबाड़ी इलाके में नौ भैंसों द्वारा खींची गई गाड़ी में रविवार रात दुल्हन के घर पहुंची। भैंसा गाड़ी से लगभग 30 किलोमीटर लंबी सड़क तय करने में चार घंटे लग गए।
इस बीच, यह खबर सुनकर कि पुरानी परंपरा के अनुसार सजी हुई भैंसा गाड़ी में बाराती व दुल्हन आ रहे हैं, उन्हें देखने को, रात के अंधेरे में भी सड़क किनारे लोगों की कतार लग गई।
उन्होंने 1500 रुपये प्रति भैंसा गाड़ी से बक्सा जंगल के पास बालाबाड़ी क्षेत्र में वे पहुंचे। शादी में मेहमानों की संख्या कम नहीं थी। बताया जा रहा है कि भैंसा गाड़ी के अलावा सौ से अधिक बाराती टोटो और बाइक पर सवार होकर आए थे। दूल्हा विक्रम राय के पिता रंजीत राय ने कहा कि उनका लंबे समय का सपना पूरा हो गया। दूल्हा विक्रम राय ने कहा कि, "यह मेरे पिता का सपना था और मैंने वह सपना पूरा किया।" इस बीच, दुल्हन जबा राय ने कहा कि भैंसा गाड़ी से विदाई उनका भी पना था जो पूरा हो गया।