हावड़ा : स्वामी गौतमानन्दजी महाराज को रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के नए अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया है। दरअसल गत 26 मार्च को स्वामी स्मरानंदजी महाराज महासमाधि में लीन हुए थे । इसके बाद 24 अप्रैल को एक आपातकालीन बैठक की गई । इस बैठक में गौतमानंदजी महाराज को यह पदभार सौंपा गया है। यह जानकारी संवाददाता सम्मेलन में मठ के महासचिव स्वामी सुविरानंद महाराज ने दी। उन्होंने कहा कि बुधवार से ही वे अपने पद पर आसीन हो गए हैं और कार्य कर रहे हैं। वह मठ के 17वे अध्यक्ष है। उन्होंने कहा कि यह कभी नहीं हुआ कि यह अध्यक्ष का पद का भी ज़्यादा दिनों तक रिक्त रहा हो। उन्होंने बताया स्वामी जी की उम्र 96 साल है। वे अपने युवावस्था में बेंगलुरु मठ के तत्कालीन अध्यक्ष स्वामी यतीश्वरानन्द महाराज के संपर्क में आए जिसके बाद से वे रामकृष्ण मिशन में जुड़ गए। उन्होंने 1962 में स्वामी विशुद्धानंदजी महाराज से ब्रह्मचारी दीक्षा प्राप्त की और उन्होंने 1966 में रामकृष्ण संघ के दसम संघ अध्यक्ष स्वामी वीरेश्वरानंदजी महाराज से संन्यास दीक्षा प्राप्त की है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौतमानंदजी महाराज को उनकी पदोन्नति पर शुभकामनाएं दीं। एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा, ‘रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर परम पूज्य स्वामी गौतमानंदजी महाराज को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि और शुभकामनाएं। मुझे यकीन है कि वह हमारे समाज को अधिक ज्ञान और करुणा की ओर मार्गदर्शन करेंगे। रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन का अनगिनत भारतीयों के जीवन में बहुत विशेष स्थान है। रामकृष्ण परमहंस, माँ शारदा देवी और स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों को और अधिक लोकप्रिय बनाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय हैं’।