अभिषेक के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे | Sanmarg

अभिषेक के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे

हाई कोर्ट ने कहा था सीबीआई कर सकती है पूछताछ
सन्मार्ग संवाददाता
नयी दिल्ली/कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पर्दीवाला के बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवायी के बाद उपरोक्त आदेश दिया। इसकी अगली सुनवायी तक अभिषेक बनर्जी के बाबत हाई कोर्ट के आदेश पर पूरी तरह स्टे रहेगा।
एडवोकेट अमृता पांडे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने आदेश दिया है कि कुंतल घोष के मामले में सीबीआई अभिषेक बनर्जी से चाहे तो पूछताछ कर सकती है। कुंतल घोष नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तारी के बाद इन दिनों जेल हिरासत में हैं। कुंतल घोष ने एक बयान में कहा था कि सीबीआई और ईडी के अफसर उन पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने को दबाव डाल रहे हैं। अभिषेक बनर्जी की तरफ से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को इसे चीफ जस्टिस के बेंच में मेंशन किया। एडवोकेट सिंघवी ने कहा हाई कोर्ट का आदेश पूरी तरह असंगत है और पिटिशनर इस मामले में पार्टी भी नहीं था। बेंच ने एडवोकेट सिंघवी को सुनने के बाद कहा कि इस मामले को 24 अप्रैल को लिस्ट करें और तब तक इस बाबत हाई कोर्ट के आदेश पर पूरी तरह स्टे रहेगा। जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह जांच करने का आदेश दिया था कि क्या कुंतल घोष ने जो बयान दिया है इसकी प्रेरणा उसे अभिषेक बनर्जी के भाषण से मिली थी। एडवोकेट सिंघवी की दलील थी कि जस्टिस गंगोपाध्याय का आदेश पक्षपातपूर्ण है।

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