सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : घर से निकले थे एक यादगार सफर पर, मगर अंत में यह एक दर्दनाक और भयावह हादसे में बदल गया। मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बंगाल के 3 लोग शिकार हो गए। उन्हीं में से एक समीर गुहा (52) हैं। वह बेहाला के साखेरबाजार के निवासी थे। वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ 16 अप्रैल को कश्मीर की यात्रा पर निकले थे। उनकी पत्नी का नाम शबरी गुहा और बेटी का नाम शुभांगी गुहा है। हालांकि वे लोग बुधवार यानी 23 अप्रैल को वापस लौटने वाले थे, मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बताया जा रहा है कि समीर केंद्र सरकार में सांख्यिकी विभाग में कार्यरत थे। वे लोग मुख्य रूप से एमपी के रहने वाले थे।
कई बार संपर्क करने का किया गया था प्रयास
इस संबंध में समीर के साले सुब्रत घोष ने बताया कि उन्हें बुधवार को सुबह 3 बजे फोन आया और यह खबर मिली कि आतंकी हमले में समीर की जान चली गई है। हालांकि वह कश्मीर में हुई घटना के बारे में जानते थे, मगर इस घटना का शिकार समीर भी हुआ है, यह उनकी सोच से परे था। कई बार उन लोगों से बात करने की कोशिश कर रहे थे, मगर संपर्क नहीं हो पाया था। उन्होंने बताया कि शबरी ने वहां के एक लोकल ड्राइवर की फोन से फोन करके समीर की मौत की सूचना उन्हें दीं। बताया गया है कि इस घटना में समीर की पत्नी और बेटी को कोई भी चोट नहीं आई है, मगर वे मानसिक तौर पर स्थिर नहीं हैं। शबरी गुहा से ज्यादा बात नहीं हो पाई है वे यहां पहुंचेंगी उसके बाद पूरी घटना के बारे में जानकारी मिलेगी।
कब हुई थी आखिरी बार बात
सुब्रत घोष ने बताया कि समीर से उनकी बात आखिरी बार लगभग 2 दिनों पहले हुई थी। वे लोग बेटी के आईसीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा समाप्त होने के बाद कश्मीर घूमने के लिए निकले थे। उन्होंने बताया कि बुधवार रात को समीर का शव उनके घर बेहाला लाया गया। इसके बाद उनके घर पर पड़ोंसियों और कई लोगों की भीड़ लग गई। जानकारी ने अनुसार इस दिन दोपहर 12.25 बजे उनके शव को कश्मीर से छोड़ा गया। सुब्रत घोष ने बताया कि वह पहली बार कश्मीर गए थे और वे इस यात्रा को लेकर काफी खुश थे।
क्या कहा समीर की पत्नी ने
शबरी गुहा ने कहा कि हम स्थानीय फोटोग्राफर से फोटो ले रहे थे और उन्हें चेक कर रहे थे, तभी हमें फायरिंग की आवाज सुनाई दी। स्थानीय फोटोग्राफर ने हमें फर्श पर लेटने को कहा। तभी अचानक कुछ अज्ञात बदमाश आए और यह घटना घटी। बेटी शुभांगी गुहा ने बताया कि मंगलवार दोपहर 3 लोग घूम रहे थे। तभी अचानक उसे दूर से गोलियों की आवाज सुनाई दी। इसके बाद अचानक कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया। सभी के चेहरों पर मास्क थे। हर किसी के हाथ में बंदूक थी। इसके बाद उग्रवादियों ने समीर समेत कई लोगों को चुन-चुनकर गोली मार दी। पड़ोसी राजीव मन्ना ने कहा कि इस घटने के बारे में जानकर काफी दुख हुआ।वे लोग काफी मिलनसार थे। एक अन्य पड़ोसी ने कहा कि इस घटना के बारे में सुनने के बाद मुझे काफी झटका लगा। बनाया कि वह सोसायटी के क्लब से भी जुड़े हुए थे, इस वजह से हमेसा संपर्क रहता था।