कोलकाता : 21 नवंबर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि उनकी कंपनी पश्चिम बंगाल में अगले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। यह निवेश खुदरा, दूरसंचार और जैव ऊर्जा क्षेत्र में किया जाएगा। अंबानी ने यहां चल रहे सातवें बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा ‘हमारी अगले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना है। यह निवेश दूरसंचार, खुदरा और जैव ऊर्जा क्षेत्र में किया जाएगा। रिलायंस बंगाल के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’ अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने अब तक बंगाल में करीब 45,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि रिलायंस की दूरसंचार इकाई जियो 5जी को राज्य के हर कोने तक ले जा रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है। बंगाल के ज्यादातर हिस्सों को इसके दायरे में शामिल कर लिया गया है। जियो का नेटवर्क राज्य में 98.8 प्रतिशत और कोलकाता दूरसंचार सर्किल में 100 प्रतिशत आबादी को ‘कवर’ करता है।
‘RIL के खुदरा कारोबार से बंगाल में 5.5 लाख दुकानदार जुड़े’
अंबानी ने कहा ‘जियो का मजबूत नेटवर्क पश्चिमी बंगाल में रोजगार के साथ बड़े पैमाने पर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कृषि को बढ़ावा देगा।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल अगले दो साल में पश्चिम बंगाल में करीब 200 नये स्टोर खोलने की योजना बना रही है। अभी रिलायंस के करीब 1,000 स्टोर बंगाल में सक्रिय हैं जो विस्तार के बाद बढ़कर 1,200 हो जाएंगे। अंबानी ने कहा ‘हमारे खुदरा कारोबार से बंगाल के सैकड़ों छोटे एवं मझोले उद्यम और करीब 5.5 लाख किराना दुकानदार जुड़े हैं। नई दुकानें खुलने से उनको फायदा होगा।’ जैव ऊर्जा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिलायंस अगले तीन साल में 100 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र (सीबीजी) लगाएगी जहां 55 लाख टन कृषि अवशिष्ट और जैविक कचरे की खपत होगी। इससे करीब 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन की कटौती में मदद मिलेगी और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा। उन्होंने अपने संबोधन में रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से राज्य में किये जा रहे कार्यों का भी जिक्र किया। इनमें कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर का नवीनीकरण और जीर्णोद्धार भी शामिल है। सदियों पुराने इस मंदिर की मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम रिलायंस फाउंडेशन कर रहा है। बंगाल में शिल्पकारों की युवा पीढ़ी के लिए रिलायंस फाउंडेशन राज्य सरकार के सहयोग से प्रशिक्षण संस्थान बनाएगा। साथ ही बुनकरों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों के उत्पादों को रिलायंस रिटेल की दुकानों के जरिये बेचा जाएगा।