कोलकाता : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। बंगाल की ममता सरकार ने रामनवमी (17 अप्रैल) पर छुट्टी की घोषणा की है। उस दिन इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी संस्थान बंद रहेंगे। यह घोषणा टीएमसी की एक बड़ी रैली से ठीक एक दिन पहले की गई है। आज यानी रविवार (10 मार्च) को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावी प्रचार का बिगुल फूकेंगी। बंगाल में दुर्गा पूजा, काली पूजा और सरस्वती पूजा हमेशा से धूमधाम से मनाई जाती रही है, लेकिन रामनवमी और हनुमान जयंती ने अब पहले से कहीं ज्यादा व्यापक पैमाने पर रूप धारण कर लिया है।
रामनवमी पर हिंसा के मुद्दे को लेकर निशाने पर रही हैं टीएमसी
पिछले कुछ वर्षों में बंगाल में रामनवमी के दौरान हिंसा देखने को मिलती रही है। पिछले साल भी राज्य के कुछ इलाकों में रामनवमी पर हिंसा भड़क गई थी। बीजेपी आरोप लगाती रही है कि राज्य सरकार इकट्ठा होने और धार्मिक जुलूस निकालने के लोगों अधिकारों पर अंकुश लगाने की कोशिश करती है। इस बार रामनवमी की छुट्टी की घोषणा को इस रूप में भी देखा जा रहा है कि चुनावी सीजन में टीएमसी ने हिंदुओं के प्रति उसके नरम रुख को दिखाने की कोशिश की है।
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी की छुट्टी की घोषणा पर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, ”ममता बनर्जी हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्सा हो जाती थीं, उन्होंने पश्चिम बंगाल में राम नवमी (17 अप्रैल) को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि के चलते किया है। हालांकि बहुत देर हो चुकी है… इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो। क्या वह ऐसा करेंगी? जय श्री राम।”