निजी बस मालिकों ने परिवहन विभाग को दी बसों को हटा लेने की चेतावनी | Sanmarg

निजी बस मालिकों ने परिवहन विभाग को दी बसों को हटा लेने की चेतावनी

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दबाव का पत्र या कुछ करेंगे भी ?
परिवहन विभाग भी संकट में
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : वर्ष 2018 के बाद से अब तक डीजल के दाम में कई बार वृद्धि हाे चुकी। इस बीच, कोविड काल ने भी लोगों को खूब रुलाया। हालांकि इसके बावजूद निजी बसों का किराया 2018 के बाद से अब तक नहीं बढ़ाया गया। ऐसे में निजी बस वालों ने खुद ही किराया बढ़ा लिया और नये किराये के टिकट भी छपवा लिये। न्यूनतम किराया 7 के बजाय 10 रुपये लिया जाने लगा। इसे लेकर अदालत में मामला किया गया जिसके बाद अदालत ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि राज्य सरकार बसों का किराया निर्धारित करे और रेट चार्ट भी बसों में लगाना होगा। इधर, राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशिष चक्रवर्ती ने हाल में घोषणा कर दी कि बसों का किराया नहीं बढ़ाया जायेगा। इस दिन बस संगठनों के साथ परिवहन मंत्री की बैठक थी जिसके बाद परिवहन मंत्री की यह घोषणा निजी बस संगठनों को रास नहीं आयी और उन्होंने 3 सप्ताह का समय दे डाला। अब निजी बस संगठनों की ओर से परिवहन मंत्री को पत्र भेजकर 25 तारीख तक का समय दिया गया है।
25 तारीख तक बढ़ाना होगा किराया
ज्वाइंट फोरम ऑफ ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स की ओर से परिवहन मंत्री काे पत्र भेजकर कहा गया कि 25 तारीख तक निजी बसों का किराया बढ़ाना होगा। ऐसा नहीं करने पर किसी भी दिन बसों, मिनी बसों और ऐप कैब को सड़कों से हटा लिया जायेगा।
राज्य में चलती हैं लगभग 8000 बसें
हावड़ा में 875, हुगली में 400, दक्षिण 24 परगना में 800, उत्तर 24 परगना में 1050, नदिया में 600, मुर्शिदाबाद में 700, पश्चिम बर्दवान में 1055 बसें और मिनी बसें चलती हैं। राज्य में जहां 3200 के आस-पास बसें और मिनी बसें चलती हैं, वहीं कोलकाता में लगभग 3500 बसें और मिनी बसें चलती हैं। राज्य भर में लगभग 8000 बसें व मिनी बसें चलती हैं। ऐसे में अगर 25 तारीख के बाद बस मालिकों ने सड़कों से बसों को हटाना शुरू किया तो परिवहन विभाग के लिये इस समस्या का सामना करना बड़ी चुनौती होगी।
क्या कहा बस संगठनों ने
ऑल बंगाल बस मिनी बस समन्वय कमेटी के राहुल चटर्जी ने कहा कि कई बार आवेदन के बावजूद हमारी मांग नहीं मानी जा रही है। ऐसे में अब हमने 25 तारीख तक का समय दिया है। इस दौरान हमारी मांग नहीं मानी गयी तो इसके बाद कभी भी हम सड़कों से बसें हटाना शुरू कर सकते हैं। इसी तरह सिटी सबअर्बन बस सर्विसेज के टीटो साहा ने कहा कि डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, लेकिन बसों का किराया नहीं बढ़ाया जा रहा है। 25 तारीख के बाद हम किसी भी ठोस निर्णय की ओर रुख कर सकते हैं।
ऐप कैब की सेवा भी हटाने की धमकी
ना केवल बसों बल्कि ऐप कैब परिसेवा हटाने की भी बात पत्र में कही गयी है। कोलकाता में लगभग 12,000 ऐप कैब चलते हैं। अगर बसें, मिनी बसें और ऐप कैब हटा लिये गये तो परिवहन के लिये यह काफी समस्याप्रद होगा। इसके अलावा आम लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऑनलाइन कैब ऑपरेटर्स गिल्ड के महासचिव इंद्रनील बनर्जी ने कहा कि कई कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार हमारे आवेदन को नहीं मान रही है। अब 25 तारीख की समय सीमा दी गयी है, इसके अंदर हमारी अपील नहीं मानी गयी तो हम ऐप कैब परिसेवा हटाने को मजबूर होंगे।
परिवहन विभाग भी चिंता में
निजी बस संगठनों की चेतावनी को लेकर परिवहन विभाग भी चिंता में है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह की चेतावनी तो कई बार दी गयी है। ऐसे में इस बार भी केवल चेतावनी है या फिर सच में ऐसा कुछ किया जायेगा।

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