सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सीबीआई ने एक विशेष अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम जांच एजेंसी द्वारा दाखिल आरोपपत्र में शामिल करने की स्वीकृति दे दी है। नियम के अनुसार, राज्य के किसी भी मंत्री का नाम आरोपपत्र में शामिल करने के लिए राज्यपाल की स्वीकृति अनिवार्य होती है। चटर्जी को सरकारी तथा सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के संबंध में सबसे पहले पिछले साल 22 जुलाई में ईडी ने गिरफ्तार किया था और उसके बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में हैं। उन्हें 28 जुलाई 2022 को ममता बनर्जी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। उनके पास सूचना, वाणिज्य और उद्योग विभाग का प्रभार था। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि हमने बृहस्पतिवार को अदालत को सूचित किया कि राज्यपाल ने आरोपपत्र में पार्थ चटर्जी का नाम शामिल करने की स्वीकृति आखिरकार दे दी है। अदालत अपने अगले कदम पर निर्णय ले सकती है। जांच एजेंसियों ने घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए चटर्जी के अलावा राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों समेत पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है।
पार्थ चटर्जी का नाम चार्जशीट में राज्यपाल से मिले स्वीकृति के बाद दिया गया
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