Panchayat Election : आखिर कब बुझेगी हिंसा की आग ! | Sanmarg

Panchayat Election : आखिर कब बुझेगी हिंसा की आग !

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही नामांकन प्रक्रिया भी चालू हो गयी है। शनिवार को नामांकन के दूसरे ​दिन वि​भिन्न इलाकों से झड़प की खबरें सामने आयी हैं। इन झड़पों की खबर के बाद राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंदा बोस ने राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को राजभवन में बुलाया। सूत्रों के अनुसार, नामांकन की तिथि बढ़ाने के साथ ही नामांकन के दौरान वि​भिन्न स्थानों पर हो रही गड़बड़ी के मुद्दे पर चर्चा के लिये राज्यपाल ने चुनाव आयुक्त को राजभवन में बुलाया था। इधर, भाजपा, कांग्रेस व माकपा ने अपने उम्मीदवारों को नामांकन जमा देने से रोकने का आरोप तृणमूल पर लगाया। बांकुड़ा, पूर्व व पश्चिम बर्दवान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिलों से हिंसा व सत्ताधारी व विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें हैं।
सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने नामांकन प्रक्रिया के दौरान हो रही हिंसा को लेकर चुनाव आयुक्त से विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि राज्य चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया के लिये केंद्रीय वाहिनी की मांग की है या नहीं। सूत्रों के मुताबिक, जवाब में कमिश्नर ने कहा कि केंद्रीय वाहिनी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, कोर्ट जैसा कहेगा आयोग वैसा ही कदम उठाएगा। उन्होंने राज्यपाल को यह भी बताया कि राज्य सरकार ने सुरक्षा संबंधी सभी प्रबंध करने का आश्वासन दिया है। इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने चुनाव में केंद्रीय वाहिनी की तैनाती की मांग पर राज्यपाल से मुलाकात की तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा।
कई जिलों में हुई हिंसा
गत शुक्रवार को नामांकन के पहले दिन ही मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या हो गयी। राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘घटनाओं को लेकर हमने रिपोर्ट मांगी है और जल्द पुलिस को आवश्यक निर्देश दिये जायेंगे।’ विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि मुर्शिदाबाद के डोमकल में तृणमूल कार्यकर्ताओं को रिवाल्वर के साथ बीडीओ कार्यालय के पास देखा गया जहां नामांकन दाखिल हो रहा था। इस दौरान विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवारों को बाधा दिये जाने का भी आरोप है। वहीं डोमकल में गड़बड़ी रोकने के लिये सिविक वोलंटियरों को पुलिस के साथ लाठी भांजते देखा गया। उल्लेख्घ्नीय है कि कानून व व्यवस्था सम्भालने की डयूटी से सिविक वालंटियर को अलग रहने को चुनाव आयोग ने कहा है। बीरभूम जिले के लाभपुर में भाजपा उम्मीदवारों को नामांकन में बाधा दिये जाने का आरोप है। बांकुड़ा के विष्णुपुर, पूर्व बर्दवान के कटवा और पश्चिम बर्दवान के बाराबनी से भी नामांकन प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी की खबरें आयी जहां माकपा कार्यकर्ताओं को नामांकन जमा देने के दौरान रोके जाने का आरोप है। यह कहा राज्य चुनाव आयुक्त ने
राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा, ‘हम हालातों को रिव्यू करेंगे और इसके बाद नामांकन की तारीख बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।’ इधर, जिलों के डीएम व एसपी से बैठक के बाद 5 जिलों उत्तर व दक्षिण 24 परगना, बीरभूम, जलपाईगुड़ी और पूर्व मिदनापुर पर विशेष फोकस की बात कही गयी है क्योंकि ये सभी ‘संवेदनशील’ जिले हैं।

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