बायरन के तृणमूल में शामिल होने के मुद्दे पर सीएम ममता ने कहा…

बायरन के तृणमूल में शामिल होने के मुद्दे पर सीएम ममता ने कहा…
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सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सागरदिघी के कांग्रेस विधायक बायरन विश्वास के दलबदल को लेकर राजनीतिक हंगामे के 24 घण्टे बीत जाने के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुंह खोला। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के बारे में वह कुछ नहीं जानती हैं, केवल अखबारों में देखा है। सीएम ने इस मुद्दे पर कहा कि यह स्थानीय राजनीति का मामला है, इससे राज्य की राजनीति का कोई संपर्क नहीं है। यहां उल्लेखनीय है कि गत साेमवार को घाटाल में अभिषेक बनर्जी के हाथों सागरदिघी के कांग्रेस विधायक बायरन विश्वास ने तृणमूल का दामन थामा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्न में कहा, 'यह स्थानीय नेतृत्व का मामला है, वह ही जवाब दे सकेंगे। मैं इस मामले में कुछ नहीं जानती, अखबारों में देखा है।' इसके बाद फिर सवाल किये जाने पर सीएम ने कहा, 'मैं यह सब नहीं करती, पार्टी की जो पद्धति है, उस अनुसार यह सब ब्लाॅक स्तर पर होता है। ऐसे में ब्लॉक स्तर पर ही पूछें।' पूछा गया कि राज्य में वाम व कांग्रेस को मिलाकर जो समझौता हुआ है, उसे क्या बायरन के दलबदल के कारण झटका पहुंचा है ? इस पर ममता ने कहा, 'वाम-राम-श्याम कभी भी अपने कुकर्मों को छोड़ सकते हैं ? उन्हें एक रहने दें, वे हमेशा एक रहेंगे। वे एक ही माला के तीन फूल हैं।' बायरन के कारण क्या राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी समझौते को धक्का लगेगा ? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं समझती हूं कि राष्ट्रीय स्तर पर हम सब एक हैं, लेकिन राज्य स्तर पर हर पार्टी की जो बाध्यता होती है, वह सबको समझना होगा। हमने केवल मेघालय और गोवा विधानसभा में चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश छत्तीसगढ़, गुजरात में लड़ाई की। हमने कोई असुविधा नहीं की बल्कि हमने उनकी सहायता की है।'
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बना रहे, इसलिये कुछ राज्यों में लड़ा चुनाव
सीएम ने कहा कि एक विधायक कांग्रेस से तृणमूल में शामिल हो गये, लेकिन यह देखना चाहिये कि देश भर में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा और क्षेत्रीय पार्टियों के वोट शेयर को खा गयी। कांग्रेस और भाजपा खुद राष्ट्रीय पार्टी बने रहना चाहती है और राज्य की पार्टियों को क्षेत्रीय पार्टी बनाये रखना चाहती है जबकि मैं चाहती हूं कि क्षेत्रीय पार्टियां सभी क्षेत्रों तक पहुंचे। सीएम ने कहा कि देश में 4 से 5 राज्यों में चुनाव लड़ने पर तृणमूल पर​ विपक्षी एकता को लेकर सवाल उठाये जाते हैं, यह समझना होगा कि हम ये चुनाव जीतने के लिये नहीं बल्कि अपना वोट शेयर बढ़ाने के लिये लड़ते हैं। अगर 3-4 राज्यों में हमारा वोट शेयर बढ़ सकेगा तो हम भी राष्ट्रीय पार्टी बने रह सकेंगे। सीएम ने कहा कि चुनाव आयाेग ने पहले ही हमारे साथ गलत किया है। हमारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 2026 था, लेकिन इसे चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया। हम 3-4 राज्यों में इस कारण सक्रिय बने रहना चाहते हैं ताकि हमारी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बना रहे।
हिन्दी बेल्ट पटना, इसलिये मैंने दिया बैठक का प्रस्ताव
पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक को लेकर सीएम ने कहा कि पटना हिन्दी बेल्ट होने के कारण मुझे पसंद है। जेपी आंदोलन भी यहां से चालू हुआ था​ ​जिस कारण मैंने ही पटना में विपक्ष की बैठक करने का प्रस्ताव दिया। पटना के सीएम नीतीश कुमार से मैंने सभी विपक्ष को इसमें आमंत्रित करने के लिये कहा है। इसी तरह अन्य राज्यों में भी विपक्ष की बैठक की जायेगी।

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