कैमरा ट्रैप में कैद की गई ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ की नयी तस्वीर | Sanmarg

कैमरा ट्रैप में कैद की गई ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ की नयी तस्वीर

कोलकाता: कलिम्पोंग पहाड़ियों के बाद अब अलीपुरद्वार जिले के बक्सा बाघ अभयारण्य (बीटीआर) से पश्चिम बंगाल के वन अधिकारियों ने एक ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ की तस्वीर प्राप्त की है। राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने जानकारी दी कि बाघ की तस्वीर बक्सा बाघ अभयारण्य में ‘कैमरा ट्रैप’ का उपयोग करके ली गई है। उन्होंने बताया कि बीटीआर में ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ की सटीक संख्या निर्धारित करना संभव नहीं है। हालांकि, संख्या निश्चित रूप से एक से अधिक हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से वनकर्मी जंगलों में रहने वाले बाघों की सुरक्षा के लिए लगन से कार्य कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बाघों को शिकारियों से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि ‘कैमरा ट्रैप’ के जरिए ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ का देखा जाना आनंददायक है, उन्होंने कहा कि हमें बाघों के वास की रक्षा करनी चाहिए।

बंगाल के सुंदरवन में हैं 101 बाघ
एक अन्य वन अधिकारी ने कहा कि ‘कैमरा ट्रैप’ के जरिये जिस बाघ की तस्वीर ली गई है वह पूर्ण विकसित वयस्क था। राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने बताया कि अक्टूबर में कलिम्पोंग पहाड़ियों में स्थित ‘नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान’ के ऊंचाई वाले स्थान राचेला डाबड़ा पर यह तस्वीर ली गई। यह तस्वीर इतनी ऊंचाई पर रहने वाली प्रजातियों की कुछ तस्वीरों में से एक है। जहां बक्सा बाघ अभयारण्य मैदानी इलाके में स्थित है, तो वहीं ‘नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान’ समुद्र तल से 10,509 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। बाघ इतनी ऊंचाई पर कैसे चढ़ सकते हैं? इसके जवाब में रॉय ने कहा कि बाघ इतनी ऊंचाई तक चढ़ने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भी बाघों की मौजूदगी के मामले सामने आए हैं। उन्होंने सिक्कम में बाघ होने की रिपोर्ट दर्ज होने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि बाघ पहाड़ों के अत्यंत कम तापमान के अनुरूप खुद को अच्छी तरह से ढाल लेते हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 101 बाघ हैं, जिनमें से सभी को सुंदरबन बाघ क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में देखा गया है।

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