हैंडराइटिंग मृत छात्र की है या नहीं, जांच में जूटी पुलिस
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : जादवपुर यूनिवर्सिटी के प्रथम वर्ष के छात्र की रहस्यमयी मौत का मामला इस बार एक पत्र के सामने आने से तूल पकड़ने लगा है। हालाँकि,सन्मार्ग ने इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है। आरोप है कि यह पत्र छात्र से जबरन लिखवाया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पत्र की लिखावट और नीचे दिए गए हस्ताक्षर की जांच की जा रही है कि यह मृत छात्र का है या नहीं। शनिवार को जांच अधिकारियों के एक सूत्र के अनुसार, उस कमरे से एक डायरी बरामद की गई जहां प्रथम वर्ष का छात्र जादवपुर विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास में ‘अतिथि’ के रूप में रह रहा था। दावा किया जा रहा है कि प्रकाशित पत्र उस डायरी के पन्नों पर लिखा गया है। सरकारी वकील सौरीन घोषाल ने रविवार को मीडिया से कहा, ”एक पत्र मिला है। यह जबरदस्ती लिखवाया गया था।” छात्र की मौत के मामले में यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र और हॉस्टल में रहने वाले सौरभ चौधरी को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद रविवार को यूनिवर्सिटी के दो और छात्रों मनोतोष घोष और दीपशेखर दत्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार रात उनसे पूछताछ की गई। सरकारी वकील का दावा है कि मृत छात्र से जबरन पत्र लिखवाने के पीछे मनोतोष और दीपशेखर की भूमिका हो सकती है। पत्र से पता चलता है कि यह विश्वविद्यालय के ‘डीन ऑफ स्टूडेंट्स’ को लिखा गया है, जिसमें विभाग के वरिष्ठों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि विभागीय सीनियर हॉस्टल का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। पत्र में एक व्यक्ति का नाम भी लिया गया है।
हैंडराइटिंग की जांच की जाए
पत्र में दावा किया गया है कि वह प्रथम वर्ष की छात्र को ‘डराने’ की कोशिश कर रहा था। पत्र में डीन से इस संबंध में कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया गया है। हालांकि मृतक छात्र के परिवार का दावा है कि इस पत्र की लिखावट उसकी नहीं है। मृत छात्र के मामा स्वरूप कुंडू ने बताया कि मैंने पत्र देखा है। मुझे 100 प्रतिशत यकीन है कि लिखावट उसकी (मृत छात्र की) नहीं है। हमारी मांग है कि हॉस्टल में रहने वाले सभी लोगों की हैंडराइटिंग की जांच की जाए। इसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पत्र किसने लिखा है। हमें लगता है कि जांच को प्रभावित करने के लिए यह पत्र प्रसारित किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हॉस्टल से डायरी बरामद होने के बाद जादवपुर थाने और कोलकाता पुलिस के होमीसाइड विभाग के अधिकारियों की एक टीम शनिवार को नदिया के राणाघाट स्थित मृत छात्र के ननिहाल गई। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार जांच अधिकारियों ने छात्र के चाचा से करीब एक घंटे तक बात की। पूछताछ के साथ-साथ उनका बयान भी दर्ज किया गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, जांच अधिकारियों ने मामा के घर से दो नोटबुक भी एकत्र की हैं, जिनमें छात्र की लिखावट है। पुलिस के अनुसार, कई नोटबुक, डायरी और दस्तावेज हैं जिनमें छात्र की लिखावट और हस्ताक्षर हैं, और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि पत्र की लिखावट और हस्ताक्षर किसकी हैं? पुलिस सूत्रों के अनुसार, हैंडराइटिंग विशेषज्ञों से उनकी जांच कराई जाएगी। अगर लिखाव छात्र का है तो तो उसे वह पत्र लिखने के लिए दबाव बनाया गया था या नहीं, गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है। यदि सचमुच उन्हें पत्र लिखने के लिए मजबूर किया गया था, तो इसके पीछे का उद्देश्य क्या था? यह सवाल जांचकर्ताओं के मन में भी है।