मुर्शिदाबाद हिंसा: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी, ‘बहरामपुर में EC चुनाव की तारीख पीछे कर दें’

मुर्शिदाबाद हिंसा: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी, ‘बहरामपुर में EC चुनाव की तारीख पीछे कर दें’
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कोलकाता: मुर्शिदाबाद में रामनवमी शोभायात्रा पर हुई पत्थरबाजी मामले में आज कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मंगलवार(23 अप्रैल) को चेतावनी दी कि वह पश्चिम बंगाल के उन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की अनुमति नहीं देगा, जहां रामनवमी समारोह के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। बता दें कि रामनवमी पर पत्थरबाजी की घटना 17 अप्रैल को हुई थी।

हाईकोर्ट ने क्या कहा ?

चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा क‍ि अगर लोग शांति और सद्भाव में नहीं रह सकते हैं, तो हम कहेंगे कि चुनाव आयोग को इन जिलों में संसदीय चुनाव नहीं करा सकता है। यही एकमात्र तरीका है। हाईकोर्ट के चीफ जस्‍ट‍िस ने कहा क‍ि हम चुनाव आयोग से दरख्‍वास्‍त करेंगे क‍ि बहरामपुर लोकसभा सीट पर चुनाव की तारीख पीछे कर दें। हाईकोर्ट ने यह ट‍िप्‍पणी मुर्श‍िदाबाद में राम नवमी के द‍िन हुई ह‍िंसा मामले की प्राथमिक सुनवाई के दौरान की, जहां लोग 8 घंटे शांति से अपने त्योहार नहीं मना सकते वहां अभी वोट कराने की जरूरत नहीं है।

हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से हिंसा पर मांगी रिपोर्ट

बता दें क‍ि मुर्श‍िदाबाद में रामनवमी के दौरान हुए दंगों की NIA जांच की मांग को लेकर याच‍िका दायर हुई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से र‍िपोर्ट तलब की है और अब मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। हाईकोर्ट ने कहा है क‍ि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद, अगर दो समूह के लोग इस तरह लड़ रहे हैं, तो वे किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधि के लायक नहीं हैं।

अदालत ने कहा कि रामनवमी पर कोलकाता में भी इसी तरह के जुलूस निकले थे, लेकिन कोई हिंसा की खबर नहीं आई। पीठ ने कहा क‍ि कोलकाता में भी 23 जगहें हैं जहां जश्न मनाया गया लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। अगर आचार संहिता लागू होने पर ऐसा होता है, तो राज्य पुलिस क्या करती है? केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं? दोनों झड़पों को रोक नहीं सके। पीठ ने राज्य के वकील से पूछा कि हिंसा से संबंधित मामलों में कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस पर राज्य के वकील ने अदालत को सूचित किया कि सीआईडी ने अब जांच अपने हाथ में ले ली है। पीठ ने जवाब दिया क‍ि हमारा प्रस्ताव है कि हम भारत के चुनाव आयोग को एक सिफारिश करेंगे कि जो लोग शांति से जश्न नहीं मना सकते, उन्हें चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

HC बोला- 'बहरामपुर में चुनाव की तारीख पीछे कर दें…'
हालांकि हाईकोर्ट ने किसी भी सीट पर चुनाव स्थगित करने पर कोई आदेश जारी नहीं किया, लेकिन उसने कहा कि वह चुनाव आयोग को प्रस्ताव देगा कि बरहामपुर में चुनाव स्थगित कर दिया जाना चाहिए, जो मुर्शिदाबाद के अंतर्गत आता है। हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को सांप्रदायिक झड़पों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया। अगली सुनवाई शुक्रवार 26 अप्रैल को होगी।

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