Kolkata News : अवैध निर्माण पर केएमसी हुआ सख्त !

Kolkata News : अवैध निर्माण पर केएमसी हुआ सख्त !
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कोलकाता : गार्डेनरिच की घटना को लेकर शुक्रवार को कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हीकम ने एक अहम बैठक की। बैठक में लॉ ऑफिसर, चीफ लॉ ऑफिसर, डीजी बिल्डिंग, सीएमएलओ, सीपी, हाईकोर्ट के वकील मौजूद रहे। इस दौरान अवैध निर्माण के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएं और उसे कैसे तोड़ा जाए, इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। इस संबंध में मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि इस प्रकार के निर्माण में हम निगम कानून के अनुरूप क्या उपाय कर सकते हैं इसे लेकर बैठक की गयी। निगम और अधिक सख्ती से कैसे काम कर सके, इस पर चर्चा हुई है। इस दौरान मेयर ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर मुरलीधर शर्मा को लाइजनिंग ऑफिसर बनाया गया है। बैठक के बाद कमिश्नर की ओर से एक एसओपी जारी की गई। इसके मुताबित बिल्डिंग एक्ट की धारा 401 (1) के ​​मुताबिक अवैध निर्माणकर्ता को जहां 5 साल तक की जेल हो सकती थी उस कानून को कम से कम 7 साल और उससे भी ज्यादा समय के लिए बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। साथ ही शहर के प्रमुख वकीलों और पुलिस से इस बात पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है कि क्या इस एक्ट में धोखाधड़ी और मिलीभगत की धाराएं को भी जोड़ी जा सकती हैं। दूसरी ओर एसओपी में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने को लेकर चरण दर चरण कैसे कदम उठाए जाएंगे इसकी भी जानकारी दी गयी है। मालूम हो कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई में कोलकाता नगर निगम के आयुक्त की अहम भूमिका होगी। वह कोलकाता पुलिस कमिश्नर से बात करेंगे और सभी जरूरी कदम उठाएंगे। बोरो इंजीनियर अवैध निर्माण को तोड़ने का डिजाइन डिप्टी चीफ इंजीनियर के माध्यम से डीजी बिल्डिंग को भेजेंगे। यदि बहुमंजिला इमारत का अवैध हिस्सा छोटा है, तो मामला 400 (1) के अनुसार बिल्टिंग विभाग के अधिकारी को भेजा जाएगा और सुनवाई की व्यवस्था की जाएगी। यदि अवैध भाग आकार में बड़ा है और बिल्डिंग रूल 2009 के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है, तो इसे अधिनियम की धारा 400 (8) के अनुसार पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाएगा।

इस प्रकार होगी अवैध निर्माण पर कार्रवाई

नोटिफिकेशन के अनुसार सबसे पहले एक सब असिस्टेंट इंजीनियर अवैध निर्माण की निगरानी के लिए प्रतिदिन अपने क्षेत्र का दौरा करेगा। इस दौरान अगर उसे कहीं भी अवैध निर्माण का पता चलता है तो वह इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ और असिस्टेंट इंजीनियर को देंगे। इसके बाद असिस्टेंट इंजीनियर संबंधित पुलिस स्टेशन के ओसी, क्षेत्र के उपायुक्त और संयुक्त आयोग को भी पत्र के माध्यम से सूचित करेगा। इस दौरान अगर काम रोकने के नोटिस देने के बाद भी अवैध निर्माण नहीं रुका तो असिस्टेंट इंजीनियर तुरंत बिल्डर के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराएंगे। इसके बाद असिस्टेंट इंजीनियर एक डिमोलिशन योजना तैयार करेंगे और इसे डीजी बिल्डिंग को देगा। अगर मकान तोड़ने के मामले में स्थानीय पुलिस स्टेशन से कोई लापरवाही होती है, तो संबंधित इंजीनियर तुरंत मामले को डीजी बिल्डिंग और कमिश्नर के संज्ञान में लाएगा। आयुक्त शिकायत की सूचना तुरंत संयुक्त आयुक्त को देंगे। 401 नोटिस देने के बाद 15 दिनों के भीतर सभी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।

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