कोलकाता : गार्डनरिच में चार मंजिला इमारत गिरने की तबाही से अभी तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना को हुए चार दिन हो गये हैं। मगर मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका अभी भी बरकरार है। रविवार की रात से ही स्थानीय शेरू भाई का पता नहीं चल पाया है। परिवार से लेकर शेरू भाई के लिए बेचैन है। लोगाें को अपने शेरू भाई की तलाश है। स्थानीय लोगों के मुताबिक वह वहां संगी – साथी के साथ बैठते थे। लोगों में इस बात की बेचैनी है कि आखिर क्यों उनका पता नहीं चल पा रहा है। जैसे -जैसे समय बीत रहा है, परिवार के लोगों की बेचैनी और बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों का दावा है कि रविवार रात को हुए हादसे के बाद से उनका पता नहीं चल पा रहा है। इलाके में उन्हें समाजसेवी और लोगों के मददगार के रूप में जाना जाता था। उनका मोबाइल स्वीच आफ होने से उनके चाहने वाले और अधिक चिंतित हो गये हैं। उनके बड़े भाई सफी अख्तर ने कहा कि इस दुर्घटना के बाद से ही उनका पता नहीं है। वे वहां जाकर लोगों से मिलते तथा दुख सुख बतियाते थे। रविवार की रात भी कुछ अलग नहीं थी। इमारत ढहने के बाद, कुछ स्थानीय निवासियों ने निजामी को उसके सेलफोन पर भी कॉल किया था, जब उसने स्पष्ट रूप से कॉल का जवाब दिया था और उन्हें बताया था कि वह कुछ अन्य लोगों के साथ मलबे के नीचे फंसा हुआ था और उनसे उसे बचाने का आग्रह किया था, लेकिन कुछ समय बाद फोन बंद हो गया।
ली जा रही है स्पेशल डॉग की मदद
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि उपरी स्तर पर काम लगभग हो गया है मगर जो निचली स्तर पर काम अभी भी जारी है। वहां काफी मोटी शेड है। काफी सावधानी पूर्वक काम करना पड़ रहा है। काफी कुछ ख्याल रखना पड़ रहा है। छोटी छोटी शेड को काट काट कर आगे बढ़ रहे हैं। बार बार डाॅग रोमियो व जूली की मदद लेनी पड़ रही है। अंतर क्या है यह पता चल सके। हालांकि पूरा राहत कार्य कब तक हो पायेगा, यह कहना अभी संभव नहीं है।