kolkata building Collapse: वसीम का एक और निर्माणाधीन मकान दे रहा है मौत को दावत! | Sanmarg

kolkata building Collapse: वसीम का एक और निर्माणाधीन मकान दे रहा है मौत को दावत!

कोलकाता : गार्डनरिच के हरिबाबू पल्ली रोड इलाके में एक और निर्माणाधीन मकान इन दिनों मौत को दावत दे रहा है । इस मकान का प्रमोटर भी म.वसीम उर्फ वासी है। मो.वसीम ने 395/2, फतेहपुर हरि बाबू पल्ली रोड में 2 साल पहले एक मकान का निर्माण करना शुरू किया था। हालांकि मकान का निर्माण शुरू होते ही बगल के गैराज की दीवार ढहने लगी। बाद में खुद उक्त मकान ही बगल में बनी नयी मकान की तरफ झुक गया। पड़ोसी मकान मालिक ने जब मो.नसीम को मरम्मत के लिए कहा तो उसने बाद में करने की बात कहकर बात टाल दी। उसकी दबंगई को देखते हुए पड़ोस में रहनेवाले मकान मालिक ने उसे दोबारा कुछ नहीं कहा और अब हालत यह है कि उक्त मकान पड़ोस के मकान से पूरी तरह चिपक गयी है। आलम यह है कि दोनों मकान एक ही लगते हैं। ठीक इसी तरह मकान के बगल में मौजूद पार्किग गैराज की दीवार भी ढह गयी थी।

केएमसी में वसीम के खिलाफ करूंगा शिकायत: फतेहपुर के 355, हरिबाबू पल्ली रोड में इकबालुद्दीन अमन ने अपने भाई के साथ अपना एक मकान बनाया है। उक्त मकान कुछ महीने पहले ही तैयार हुआ था। पेशे से कपड़ा व्यवसायी इकबालुद्दीन अपने बड़े भाई साहब अमन के साथ मकान में रहते हैं। दोनों बाईयों का परिवार भी वहां रहता है। इकबालुद्दीन के अनुसार दो साल पहले उन्होंने अपने मकान का निर्माण शुरू किया था। ठीक उसी समय बगल में मौजूद 2 कट्ठा जमीन पर मो.वसीम ने प्रमोटिंग शुरू की। उक्त जमीन की मालकिन हसीना बीबी हैं। पहले कुछ महीने तक सबकुछ ठीक था लेकिन बाद में मकान के चौथे तल्ले की ढलाई होने के बाद वसीम का मकान उनके मकान की तरफ झुक गया। उस समय उन्होंने वसीम को ठीक से काम करना के लिए कहा तो उसने आश्वासन दिया था कि बाद में ठीक हो जाएगा। हालांकि आज आलम यह है कि मकान पूरी तरह उनकी मकान की तरफ झुक गया और उन्हें रविवार के बाद डर हो गया है कि कभी भी उक्त मकान ढह जाएगा। इसके कारण उनके परिवार को खतरा है। इसलिए अब वह मो.वसीम और उसकी मकान को तोड़ने के लिए कोलकाता नगर निगम में शिकायत करेंगे।

1400 प्रति स्क्वायर फीट के रेट से बेचता था फ्लैट : अजहर मोल्ला बागान में रहनेवाले एक व्यक्ति ने बताया कि आज भी इलाके में अवैध तरीके से बनाए गए मकानों में फ्लैट 1400 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के रेट से बेचा जाता है। पूरे इलाके में इसी रेट से फ्लैट बेचा जाता है। आज के समय में जहां मकान के बनाने का खर्च 1800 से 2000 रुपये प्रति स्क्वायर फीट वहां पर 1400 रुपये में कोई कैसे मकान बनाकर बेच सकता है। ऐसे में साफ है कि यहां पर खराब मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया था। सिर्फ इस मकान में नहीं बल्कि इलाके के अधिकतर मकानों की हालत ऐसी है। कई मकानें तो साइड की तरफतो कई सामने की तरफ झुक गयी। अगर कभी गलती से भी भूकंप आया तो शायद ही कोई मकान सही सलामत बचेगा।

रिपोर्ट- दीपक रतन मिश्रा

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