कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय के बंगाली ऑनर्स प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की अचानक मौत से पूरा बंगाल सदमे में है। जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत के मामले में रैगिंग की पुख्ता थ्योरी सामने आ रही है। विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के एक अन्य छात्र ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 18 साल के एक प्रतिभाशाली छात्र स्वप्नदीप कुंडू के साथ बुधवार शाम को क्या हुआ था। एक साक्षात्कार में, प्रथम वर्ष के छात्र ने कहा कि रैगिंग चल रही थी जादवपुर हॉस्टल में। अपना नाम न बताने की शर्त पर छात्र ने बताया कि उस दिन जादवपुर यूनिवर्सिटी के सभी हॉस्टलों के लिए बड़ी रकम आवंटित की गयी थी। आवंटन किस क्षेत्र में खर्च किया जाएगा, इसे लेकर उस रात जादवपुर मेन हॉस्टल में बैठक हुई। कई निवासी छात्र उपस्थित थे। प्रथम वर्ष के छात्र के शब्दों में, हमें बैठक में नहीं बुलाया गया क्योंकि हम प्रथम वर्ष में हैं।
हॉस्टल के गलियारे में टहल रहा था
इसलिए मैं हॉस्टल के गलियारे में टहल रहा था, तभी अचानक ऊपर से आवाज आई- ‘अरे, कूद गया।’ तभी हॉस्टल के दाहिनी ओर से गिरने की जोरदार आवाज आई। मैं उस ओर दौड़ा और देखा कि स्वप्नदीप वहीं नीचे पड़ा हुआ है। किसी ने उसे उठाकर अपने गोद में लेटाया। फिर उसने ऊपर देखा तो उसे कुछ नजर नहीं आया। स्वप्नदीप की नसें बहुत धीमी गति से चल रही थीं। साफ था कि उनकी रीढ़ की हड्डी सही नहीं थी, टूटी हुई थी। सिर का पिछला भाग खून से लथपथ था और फटा हुआ था।
शरीर पर नहीं था कपड़ा
उसके पूरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। प्रथम वर्ष के छात्र ने बताया कि स्वप्नदीप को तुरंत केपीसी मेडिकल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। स्वप्नदीप कुंडू के ऐसे नतीजे के बाद रैगिंग का शिकार हुआ छात्र भी सदमे में है। उसका दावा है कि उन्होंने हॉस्टल में फुसफुसाहट सुनी थी, उस रात स्वप्नदीप से यह साबित करने के लिए कहा गया था कि वह समलैंगिक नहीं है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विभिन्न निवासियों से बात करने के बाद यह जानकारी सामने आई कि स्वप्नदीप पर एक विशेष छात्र को प्रपोज करने के लिए दबाव डाला गया था। जब वह इस बात के लिये नहीं माना तो उसे समलैंगिक कहकर चिढ़ाया गया।