

काकद्वीप : मत्स्य विभाग की ओर से मछुआरों को बीच समुद्र में मछली पकड़ने पर अन्य देशों की सीमा क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने के लिए उनके ट्रॉलरों में ट्रांसपोंडर डिवाइस लगाये जा रहे हैं। इस तकनीक को इसरो ने विकसित किया है। जानकारी के अनुसार हर साल 15 अप्रैल से 14 जून तक 61 दिनों के लिए गहरे समुद्र में जाने पर सरकारी प्रतिबंध रहता है। जिला मत्स्य विभाग ने मछुआरों के संगठनों और ट्रॉलर मालिकों को मछली प्रजनन और वृद्धि के लिए 'प्रतिबंध अवधि' का पालन करने का आदेश जारी किया है। इसलिए फिलहाल कोई भी गहरे समुद्र में मछली पकड़ने नहीं जा रहा है। बस कुछ ही दिन बचे हैं। सरकारी प्रतिबंध हटते ही 15 जून से सुंदरवन तट पर घाटों से सैकड़ों मछुआरों के ट्रॉलर बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने के लिए जाएंगे लेकिन इस बार मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसरो की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। काकद्वीप अनुमंडल के ट्रॉलरों में सैटेलाइट बेस्ड मेरीटाइम सेफ्टी असिस्टेंट सिस्टम डिवाइस यानी ट्रांसपोंडर लगाने का काम शुरू हो चुका है। गहरे समुद्र में जहां मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है, वहां इस मशीन के जरिए गहरे समुद्र से आने वाले किसी भी खतरे के संकेत को किनारे तक भेजा जा सकेगा। साथ ही यह अत्याधुनिक डिवाइस ट्रॉलर के भारतीय जलक्षेत्र से बांग्लादेशी जलक्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही उसे संकेत भेज देगी। इतना ही नहीं, मछली पकड़ते समय मछुआरों को इस डिवाइस के जरिए विशेष लाभ मिलेगा। इस डिवाइस की मदद से यह भी पता लगाया जा सकेगा कि समुद्र में मछलियों का झुंड कहां है।
काकद्वीप वेलफेयर फिशरमैन एसाेसिएशन के सेक्रटरी ने यह कहा
काकद्वीप वेलफेयर फिशरमैन एसोसिएशन के सेक्रेटरी विजन माइती ने कहा कि मछली विभाग की ओर से मुफ्त में ट्रांसपोंडर मुहैया करवाया जा रहा है। इससे मछुआरों को मछली पकड़ने के दौरान काफी सुविधाएं मिलेगी। फिलहाल दक्षिण 24 परगना और पूर्व मिदनापुर में मिलाकर 500 ट्रॉलरों में इसे लगाने की योजना हैं। यह ट्रांसपोंडर डिवाइस बगैर इंटरनेट के काम करेगा। मत्स्य विभाग ट्रॉलरों की मॉनिटरिंग करेगा। ट्रांसपोंडर के लगने से मछुआरों में उत्साह देखा जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में लगभग 2500 ट्रॉलर मछली पकड़ने जाते हैं।