बंगाल में TMC के राज में कैसे फल-फूल रहा है रंगदारी, सिंडिकेट ? समझिए इस रिपोर्ट में | Sanmarg

बंगाल में TMC के राज में कैसे फल-फूल रहा है रंगदारी, सिंडिकेट ? समझिए इस रिपोर्ट में

बेलघरिया: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि व्यवसाइयों से कोई रंगदारी मांगेगा तो उसकी खैर नहीं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती हैं कि राज्य में रंगदारी नामक शब्द ही न रहे लेकिन नेताओं के एक वर्ग और पुलिस के एक वर्ग की मिलीभगत से रंगदारी का धंधा शिल्पांचल में फलफूल रहा है। बेलघरिया में व्यवसायी अजय मंडल की कार पर चली गोलियों के मामले में कई बातें सामने आ रही हैं। एक व्यवसायी ने कहा कि बैरकपुर के बेलघरिया, टीटागढ़, खड़दह, पानीहाटी कोई भी जगह क्यों न हो, यहां व्यवसाय या प्रोमोटिंग करने को लेकर समाजविरोधियों को रंगदारी देनी ही होती है। बताया गया कि ऐसा करना एक तरीके से बाध्यता हो जाती है अन्यथा इस तरह से ही व्यवसायियों को निशाना बनाया जाता है। प्रमोटरों को बालू, गिटी, सिमेंट आदि लेने के लिए बाध्य किया जाता है। इसके अलावा प्रोटेक्शन मनी देनी पड़ती है। पुलिस को पता रहता है कि किस इलाके में कौन सा समाजविरोधी सक्रिय है लेकिन वह समय रहते कार्रवाई नहीं करती। इसके पीछे बहुत बड़ा एक कारण राजनीतिक भी है। इस तरह के समाजविरोधी सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं को पकड़ कर रखते हैं। कुछ छोटे मोटे वारदात होने पर ये नेता पुलिस से इन समाजविरोधियों को बचाते हैं। अगर कोई जमीन लिया तो भी ये समाजविरोधी वहां दल बल के साथ पहुंच जाते हैं तथा रंगदारी मांगते हैं। कोई जमीन बेचता है तब भी इन्हें रंगदारी चाहिए। कोई शो रूम बना रहा है तब भी और कोई दुकान ले रहा है तब भी। अब व्यवसाय करना है तो दिन रात दहशत में रहकर व्यवसाय तो किया नहीं जा सकता और पुलिस कितनी देर आपको बचाने के लिए खड़ी रहेगी। अजय मंडल का आरोप है कि टीटागढ़ से फोन कर उनसे 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी गयी थी, कुछ रुपये उनकी ओर से दिये भी गये थे मगर फिर भी उनकी गाड़ी पर गोलियां चलीं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद से वे आतंकित हैं।

‘मारना होता तो मार देते’, शूटआउट के 24 घंटे बाद व्यवसायी को दोबारा आया धमकी भरा फोन’

शनिवार को दिन दहाड़े बेलघरिया के रथतला चौराहे पर व्यवसायी अजय मंडल की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि रविवार को उन्हें एक और धमकी भरा फोन आया। जहां एक व्यक्ति ने स्वयं का परिचय सुबोध सिंह के रूप में देते हुए अजय मंडल को बताया कि उनके कार पर फायरिंग की घटना को अंजाम उसने ही दिया था। व्यवसायी ने बताया कि सुबोध सिंह ने उनसे फोन पर कहा कि अगर वह उसे मारना चाहता तो अब तक मार चुका होता। घटना के बाद से अजय मंडल का पूरा परिवार दहशत में है। वह बैरकपुर छोड़ने के बारे में भी सोच रहे हैं। रविवार को जिस वक्त अजय मंडल को सुबोध सिंह का फोन आया उस दौरान उनके घर पर कई संवाददाता मौजूद थे। अजय और सुबोध के बीच की बातचीत कई टीवी चैनल के कैमरे में कैद हुई। फोन के दूसरी तरफ सुबोध को कहते हुआ पाया गया, ‘मैं आपके साथ हूं। डरीए मत, आप बचाए गए हैं, मारे नहीं गए। हम आपसे बात करेंगे। अगर मैं तुम्हें मारना चाहता तो शोरूम में घुसकर 50 राउंड फायरिंग करता’। अजय मंडल को पुलिस के पास नहीं जाने की भी धमकी दी गई है। अजय मंडल ने बताया कि सुबोध सिंह एक कुख्यात अपराधी है। वह बैरकपुर की कई आपराधिक घटनाओं में संलिप्त है। अजय मंडल ने बताया कि वह 2001 से बैरकपुर में व्यवसाय कर रहे हैं। 2003 से रंगदारी देना पड़ रहा है। अजय मंडल ने आरोप लगाया कि टीटागढ़ में यह चलन है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई लोगों के घर और दुकानों को लक्ष्य कर फायरिंग और बम से हमला कर धमकियां दी गई हैं।

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‘बिहार से जुड़ा है हमलावरों का लिंक’

बेलघरिया में व्यवसायी अजय मंडल को लक्ष्य कर की गयी फायरिंग की घटना की प्राथमिक जांच में पुलिस को महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार हमलावरों का लिंक बिहार से जुड़ा हुआ है पुलिस ने हमलावरों द्वारा इस्तेमाल की गयी बाइक को भी टीटागढ़ इलाके से बरामद किया है। उन्होंने नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार हमलावर संभवत: बिहार से आए थे और व्यवसायी की कार पर फायरिंग करने के बाद फरार हो गये। इस बीच जांच करते हुए टीटागढ़ इलाके से हमलावरों द्वारा शनिवार की दोपहर इस्तेमाल की गयी बाइक बरामद की। सूत्रों के अनुसार पुलिस को बी.टी रोड के कई सीसीटीवी कैमरे में अभियुक्तों की तस्वीर मिली है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने दो अभियुक्त शनि और विक्की को चिन्हित कर लिया है । पुलिस उन अभियुक्तों की तलाश में भी जुट गई है । हालांकि मुख्य अभियुक्त की अभी तलाश जारी है।

घटना के बाद से डरा-सहमा है व्यवसायी का परिवार

इधर, रविवार की सुबह से व्यवसायी अजंय मंडल बैरकपुर के नोनाचंदपुर स्थित अपने घर में मौजूद रहे। घटना के बाद से व्यवसायी का परिवार आतंकित हैं। रविवार को व्यवसायी ने कहा कि साल 2003 में भी जब में टीटागढ़ में प्रमोटिंग का काम शुरू किया तो उन्हें शहजादा की ओर से फोन कर रंगदारी की मांग की गई। कई बार उन्होंने रुपए भी दिए ।उन्हें डराने के लिए कई बार टीटागढ़ में उनके निर्माणाधीन इमारत के सामने और आगरपाड़ा स्थित मोटर साइकिल शोरूम के सामने बमबारी भी की गई । वहीं दूसरी तरफ रविवार की दोपहर व्यवसायी अजय मंडल से मिलने के लिए उनके बैरकपुर स्थित घर पर भाजपा नेता व पूर्व सांसद अर्जुन सिंह पहुंचे। भाजपा नेता ने अजय मंडल के साथ घटी घटना और उन्हें दी गई हत्या की धमकी को लेकर पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाये।

​रिपोर्ट- निधि गुप्ता

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