हुगली का साइबर हेल्पडेस्क बना एक मॉडल

हुगली का साइबर हेल्पडेस्क: ग्रामीण पुलिसिंग में नई क्रांति
हुगली का साइबर हेल्पडेस्क बना एक मॉडल
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हुगली : क्या साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस थानों को ही डिजिटल योद्धा बनाया जा सकता है? हुगली ग्रामीण पुलिस जिले ने इस सवाल का जवाब हां में दिया है। फरवरी 2024 में शुरू हुई साइबर हेल्पडेस्क योजना अब राज्य की सबसे सफल जिला-स्तरीय पुलिस सुधारों में से एक बन चुकी है।

साइबर पुलिसिंग का सफल प्रयोग : हुगली ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन के नेतृत्व में जिले के सभी 16 थानों में साइबर हेल्पडेस्क स्थापित किए गए। पहले साइबर अपराधों की जांच में स्थानीय थाने, साइबर सेल और बैंकों के बीच समन्वय की कमी से देरी होती थी। ग्रामीण और हाशिए पर रहने वाले लोग शिकायत दर्ज कराने में भी असमर्थ रहते थे।

थाने बने डिजिटल फर्स्ट रिस्पॉन्डर : हर हेल्पडेस्क में प्रशिक्षित कर्मी तैनात हैं जो ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें लेते हैं, डिजिटल लेनदेन ट्रैक करते हैं और बैंकों से तत्काल समन्वय करते हैं। अब पीड़ितों को हफ्तों इंतजार नहीं करना पड़ता—घंटों में कार्रवाई शुरू हो जाती है।

राज्य स्तर पर सराहना : बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने अन्य जिलों को हुगली मॉडल अपनाने का निर्देश दिया है। साइबर अपराध अब शहरी समस्या नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी उतना ही गंभीर है।

भविष्य का पुलिसिंग मॉडल : हुगली ने दिखाया कि तकनीक, पहुंच और संवेदनशीलता का मेल कितना प्रभावी हो सकता है। पड़ोस का थाना अब सिर्फ कानून का रखवाला नहीं, डिजिटल सुरक्षा का सहयोगी भी है।

आंकड़े गवाह हैं सफलता के

वर्ष / वित्तीय रिकवरी / मोबाइल रिकवरी

2022 44.43 लाख 757

2023 61.01 लाख 947

2024 95.49 लाख 1,452 (56% वृद्धि)

2025 2.26 करोड़ 2,123(सित. तक)

कुल 4,28 करोड़ 5279

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