हाई कोर्ट ने मांगा अपलोड किए गए दस्तावेज की सोफ्ट कापी | Sanmarg

हाई कोर्ट ने मांगा अपलोड किए गए दस्तावेज की सोफ्ट कापी

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‘जादवपुर घटना से बेचैन पिता की दास्तान है’ : वी एस राजू
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अभिषेक बनर्जी की तरफ से दायर मामले में हाई कोर्ट ने उन दस्तावेजों का सोफ्ट कापी तलब की है जिसे ईडी के एक अफसर ने लीप्स एंड बाउंड्स पर छापा मारने की कार्रवाई के दौरान अपलोड किया था। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने शुक्रवार को मामले की सुनवायी के दौरान राज्य सरकार के पीपी को यह आदेश दिया। उन्हें इसे शनिवार को पेश करना पड़ेगा। जस्टिस अमृता सिन्हा के हालिया आदेश के संदर्भ में अभिषेक बनर्जी की तरफ से यह एप्लिकेशन दायर किया गया है।
यहां गौरतलब है कि लालबाजार के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट ने ईडी के इस अफसर के खिलाफ जीडी दर्ज किया है। ईडी की तरफ से इस मामले में बहस करते हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल वी एस राजू ने कहा कि बिलावजह एक मामूली बात को राई से पहाड़ बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल जादवपुर की घटना से बेचैन एक पिता की यह दास्तान है। छापे की कार्रवाई चलने के दौरान उनकी बेटी का हॉस्टल के बाबत फोन आया तो उन्होंने वहां मौजूद लीप्स एंड बाउंड्स के एक अफसर की सहमति से हॉस्टल के बाबत जानकारी को एक कंप्यूटर से अनलोड कर लिया था। उन्होंने कहा कि उस कंप्यूटर को सीज भी नहीं किया गया है। उनके साथ एडवोकेट फिरोज इदुलजी और एडवोकेट अनामिका पांडे भी थे। हालांकि अभिषेक की तरफ से बहस कर रहे एडवोकेट किशोर दत्त ने सवाल किया कि किससे अनुमति ली थी वह दस्तावेज दिखाएं। इसके बाद ही जस्टिस घोष ने पीपी को आदेश दिया कि उन दस्तावेजों की सोफ्ट कापी पेश करे ताकि यह अंदाजा लग सके कि वे दस्तावेज कितना संवेदनशील हैं। एडवोकेट किशोर दत्त ने एप्लिकेशन के बाबत दलील देते हुए कहा कि जब कोई मामला ऑर्गुमेंट के बाद जज के अंतिम आदेश के लिए विचाराधीन है तो उस दौरान एप्लिकेशन नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अपवाद के रूप में ऐसा किया जा सकता है। उनकी दलील थी कि इसी मामले में एफआईआर को खारिज करने के लिए यह एप्लिकेशन दिया गया है। इसमें फैसला आना है। ऐसी स्थिति में इस मामले के तहत सम्मन कैसे जारी किया जा सकता है। जस्टिस सिन्हा ने सम्मन जारी करने का आदेश दिया है। एसीजी वी एस राजू की दलील थी कि यह एप्लिकेशन ग्रहणयोग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाए।

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