अभी फिलहाल के लिए हावड़ा स्टेशन ही बन गया है अस्थायी ठिकाना

अभी फिलहाल के लिए हावड़ा स्टेशन ही बन गया है अस्थायी ठिकाना
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दो दिनों से ट्रेन के इंतजार में गर्मी से परेशान हैं यात्री
हावड़ा : पेट की भूख ऐसी थी कि कमाने के लिए चेन्नई जाना था लेकिन उसके पहले ही हावड़ा स्टेशन को अपना अस्थायी ठिकाना बनाना पड़ा। यही हाल नेपाल से आये एक समूह का था जिनका पिछले डेढ़ दिनाें से हावड़ा स्टेशन परिसर अस्थायी घर बन गया है। न ही खाने का होश है और न ही ठीक से पानी ही​ मिल रहा है। आंखें सिर्फ टाइम टेबल पर टिकी हैं कि रेलवे की ओर से कुछ तो जानकारी मिले। इस भीषण गर्मी में पसीने से नहाये हुए लोग केवल एक ही इंतजार में हैं कि उन्हें रेलवे से कोई तो राहतवाली खबर मिले। सन्मार्ग ने इन्हीं कुछ लोगों से उनकी परेशानी जानने की कोशिश की। बिहार से चेन्नई जाने के लिए हावड़ा पहुंचे मोहम्मद नसीब व उनके साथियों ने सोचा भी नहीं था कि पेट की भूख मिटाने के लिए इतने दिन केवल भूखे ही रहना होगा। मोहम्मद नसीब ने बताया कि गत शुक्रवार की रात से ही हावड़ा स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं। ट्रेनों के रद्द होने के कारण उन्हें वहीं पर इंतजार करना पड़ रहा है। स्टेशन पर पंखा भी ठीक से काम नहीं करता है। ऐसे में रेलवे की उद्घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। वहीं भुवनेश्वर जाने के लिए एक समूह नेपाल से हावड़ा पहुंचा था। उन्हें हावड़ा में ही रहकर केवल इंतजार करना पड़ रहा है। गीता देवी कहती हैं कि ट्रेन की कोई जानकारी नहीं है। उनके ट्रुप में 40 लोग हैं। इनमें कई महिलाएं है। अब उन्हें बस से सफर करना है। राज कुमार सिंह ने कहा कि महिलाओं को बस में सफर करने से कई समस्याएं आयेंगी। किसी को उल्टी की समस्या है तो किसी को टाॅयलेट की। ऐसे में केवल इंतजार करना ही निश्चित उपाय है।

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