Calcutta High Court : 2016 नियुक्ति प्रक्रिया के विस्फोटक तथ्यों का खुलासा | Sanmarg

Calcutta High Court : 2016 नियुक्ति प्रक्रिया के विस्फोटक तथ्यों का खुलासा

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हाई कोर्ट के आदेश पर बोर्ड ने प्रका‌शित किया जिलावार कट ऑफ मार्क्स
फेल होने के बावजूद टीचर के पद पर मिली नियुक्ति की नजीर
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर बोर्ड ने जिलावार कट ऑफ मार्क्स प्रकाशित किया है। इससे 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया के विस्फोटक तथ्यों का खुलासा हुआ है। जस्टिस गंगोपाध्याय ने इसके प्रकाशन के लिए 25 मई तक का समय दिया था। यहां गौरतलब है कि 2014 के टेट की 2016 और 2020 की नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज करते हुए जस्टिस गंगोपाध्याय ने 32 हजार टीचरों की बर्खास्तगी का आदेश दिया है।
एडवोकेट तरुण ज्योति तिवारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड द्वारा प्रकाशित कट ऑफ मार्क्स के मुताबिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में फेल करने वालों को भी टीचर की नौकरी मिली है। इसमें एक ऐसा नमूना भी सामने आया है जिसमें एक प्रशिक्षित टीचर को उच्च माध्यमिक में शून्य मिला है। अप्रशिक्षित वर्ग में 10 फीसदी मार्क्स मिलने के बाद भी टीचर की नौकरी मिल गई है। इस तरह के मामले उत्तर दिनाजपुर और मुर्शिदाबाद जिले की लिस्ट से उजागर हुए हैं। एडवोकेट तिवारी ने कहा कि इस तरह तो पूरी मेरिट लिस्ट ही सवालों के घेरे में आ गई हैं। यहां गौरतलब है कि इस बाबत दायर रिट में अप्रशिक्षित वर्ग के 32 हजार टीचरों की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। ऐसा नजारा भी सामने आया है जिसमें माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में फेल होने के बावजूद टीचर की नौकरी मिली है। जाति, भाषा और श्रेणी के आधार पर जिलावार कट ऑफ मार्क्स प्रकाशित किए गए हैं। इनमें टेट, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, प्रशिक्षण, इंटरव्यू, एप्टिट्यूड टेस्ट और अतिरिक्त गतिविधियों के आधार पर मार्क्स दिए गए हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय ने तीन मई को मार्क्स प्रकाशित करने का आदेश दिया था। जस्टिस गंगोपाध्याय ने नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज करते हुए तीन माह के अंदर नये सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ जस्टिस सुब्रत तालुकदार के डिविजन बेंच में अपील की गई थी। डिविजन बेंच ने बर्खास्तगी पर सितंबर तक रोक लगा दी है। इसके बावजूद बोर्ड तीन माह के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया को अगस्त तक पूरा करेगा जैसा कि सिंगल बेंच ने आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि जस्टिस गंगोपाध्याय ने आदेश दिया है कि जिन लोगों की बर्खास्तगी हुई है उन्हें नये सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा लेना पड़ेगा।

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