कोलकाता : शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्यपाल पर मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि वे विश्वविद्यालयों का दौरा बिना बताये कर रहे हैं। नैतिक रूप से हम सीएम ममता बनर्जी काे आचार्य मानते हैं, राज्यपाल को नहीं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने उनका साथ दिया है, लेकिन वह अपना ही कर रहे हैं। हमलोग समन्वय चाहते हैं, हमलोगों ने किया भी है मगर उनकी तरफ से नहीं मिल रहा है। उन्होंने तंज कसा ‘’वे सफेद हाथी की तरह व्यवहार करना बंद करें’’। मैंने कल उन्हें पत्र लिखा था मुझे कोई उत्तर नहीं मिला।
तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है : ब्रात्य बसु के इस बयान से शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल सी वी आनंदा बोस आचार्य के रूप में पिछले कई दिनों में तीन विश्वविद्यालयों का दौरा कर चुके हैं।
आचार्य पर राजभवन से विधेयक नहीं हुआ है पारित : ब्रात्य बसु ने कहा कि 2022 में विधानसभा में विधेयक पारित कर पहले ही यह निर्णय लिया जा चुका है कि ममता बनर्जी ही आचार्य होंगी, लेकिन राजभवन से विधेयक पारित नहीं होने के कारण अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि राज्यपाल को विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोकने का अधिकार नहीं है।
अगर विधेयक वापस भेजा जाता है तो… ब्रात्य बसु ने कहा कि यदि आप बंगालियों की भावनाओं को समझना चाहते हैं, यदि आप राज्य में एकता चाहते हैं तो विधेयक पर हस्ताक्षर करें।
इन विश्वविद्यालयों में गये राज्यपाल : राज्यपाल ने सोमवार को सबसे पहले कलकत्ता विश्वविद्यालय में औचक दौरा किया। उसी दिन दोबारा वे वहां गये और बैठक भी की। बुधवार को बारासात स्टेट यूनिवर्सिटी में गये। गुरुवार को वे प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय गए थे। वहां प्राध्यापकों और छात्रों से भी मिले थे।