स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी हटाने की मांग, आयकर में कटौती की गुहार
नयी दिल्ली: गुरुवार को संसद में सर्वदलीय बैठक के दौरान टीएमसी के प्रतिनिधियों सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ'ब्रायन ने आगामी बजट सत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वपूर्ण मांगें उठाईं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान टीएमसी के दोनों नेताओं ने मांग उठाई कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा क्षेत्रों पर 18% जीएसटी को जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए या कम किया जाना चाहिए। इस संबंध में सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, यह निर्णय न केवल अमानवीय है बल्कि स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में मध्यम वर्ग के लोगों के लिए सहानुभूति की कमी भी है। टीएमसी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा, जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का केंद्र का फैसला जनविरोधी है। इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। उन्होंने इसे वापस लेने का आग्रह किया। भारत सरकार से हमारी मांग है कि लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के आधार पर जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम से जीएसटी वापस लिया जाए।
बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के सांसदों ने इनकम टैक्स को लेकर भी अपनी चिंता जताई और सरकार से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इसे और कम करने को कहा। उनका आरोप है, कीमतें बढ़ रही हैं, लोग जीवनयापन का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं, इसीलिए इनकम टैक्स में कटौती जरूरी है। टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि संघीय ढांचा खतरे में है। उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि यूजीसी ने विभिन्न कुलपतियों की नियुक्ति में एक तरफा निर्णय लिया है, राज्य सरकार को दरकिनार कर दिया है जो संघीय ढांचे के लिए अच्छा नहीं है।
टीएमसी सहित कई विपक्षी दलों ने अध्यक्ष जगदंबिका पाल द्वारा 'वक्फ' पैनल की प्रक्रियाओं को 'बुलडोज' करने और पैनल द्वारा विपक्षी सांसदों के साथ खराब व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई। सांसदों ने जेपीसी की कार्यवाही को 'लोकतंत्र का मखौल और हास्यास्पद कवायद' बताया। सूत्रों के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए गए 'एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक' को आगे की जांच के लिए 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया है। बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि सरकार को 'एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक' को लागू करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव का प्रस्ताव करता है। पता चला है कि टीएमसी ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है।

