यूपीएससी में बंगाल का नाम रोशन किया चैतन्य ने

यूपीएससी में बंगाल का नाम रोशन किया चैतन्य ने
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– 'न कोचिंग न लाखों का खर्च', बंगाल का बेटा चैतन्य बना टॉपर
– 2 बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार
– बिना कोचिंग के क्रैक की यूपीएससी परीक्षा
सिलीगुड़ीः यूपीएससी की परीक्षा में बंगाल के संभावित टॉपर के रूप में चैतन्य ने बाजी मारी है। उनका रैंक यूपीएससी में 158 आया है। 'सन्मार्ग' से बातचीत के दौरान चैतन्य ने बताया कि बचपन से ही उनका लक्ष्य आईपीएस बनना था। उन्होंने कहा कि स्कूल के दौरान जब किसी कार्यक्रम में आईएएस और आईपीएस के अधिकारी कार्यक्रम का शुभारंभ करने आते थे तो वे उन्हें देखकर काफी प्रभावित होते थे और तभी से ही उन्होंने समाज से जुड़ने का संकल्प लिया था। बेटे के यूपीएससी की परीक्षा में सफलता के बावत सिलीगुड़ी के खालपाड़ा के वार्ड न. 7 विद्यासागर रोड निवासी पिता रजनीश खेमानी और मां मधु खेमानी के खुशी का ठिकाना नहीं है। चैतन्य के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनके माता-पिता ने कहा कि बेटे ने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया यह मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है। चैतन्य ने कोचिंग तक नहीं की थी। हालांकि दो परीक्षाओं के दौरान सफलता नहीं मिली, लेकिन अर्जुन की लक्ष्य को लेकर स्टैंडर्ड पुअर्स में नौकरी करने के साथ ही वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़े। रैंक की चर्चा करते हुए चैतन्य ने बताया कि उम्मीद कुछ इसी तरह थी और पहली प्राथमिकता आईपीएस ही था और मुकाम हासिल हो गया। कोचिंग की चर्चा करते हुए चैतन्य खेमानी ने बताया कि हमने कोई कोचिंग नहीं किया। मैं सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को पर्सनालिटी टेस्ट के लिए कोलकाता जाता था।

हमेशा से ही यूपीएससी रहा लक्ष्य

इसके बाद डान बाॅस्को से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद चैतन्य का लक्ष्य सिर्फ यूपीएससी रहा। इसके बाद हंसराज काॅलेज दिल्ली से बीकॉम करने के बाद वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़े। हालांकि दो परीक्षाओं के दौरान उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन अर्जुन की लक्ष्य को लेकर स्टैंडर्ड पुअर्स में नौकरी करने के साथ ही वे अपनी लक्ष्य की ओर बढ़े। लक्ष्य की चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि स्कूल के दिनों में अधिकारियों के मोटिवेशन को देखकर लक्ष्य रखा था। इसके साथ ही इसमें आम लाेगों से जुड़ने के साथ देश की विकास और सुरक्षा में हिस्सेदारी करने के अवसर को ही अपना लक्ष्य माना था। चैतन्य खेमानी ने आने वाली पीढ़ी के लिए कहा कि लक्ष्य निर्धारित हो तो कोई भी अड़चन सफलता को नहीं रोक सकती, बस लक्ष्य अर्जुन की तरह आंख पर होना चाहिए। सफलता के लिए लक्ष्य पता होना चाहिए। फिर मुसीबतें भी आपके रास्ते में नहीं आएंगी। यूपीएससी रिजल्ट 2022 में कुछ ऐसे युवाओं ने सफलता हासिल की हैं जिनके लिए ये पल मुश्किल थे। लेकिन उन्होंने मुसीबतों की आंधी को पार कर सफलता की रोशनी जलाई है।

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