सत्संग भवन बना मकान में रहने वाले लोगों का अस्थायी ठिकाना
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मैं ऑफिस से घर लौट रहा था। रास्ते में था कि मम्मी का फोन आया और उन्होंने छोटे भाई के लिए बुखार की दवा लेकर आने के लिए कहा था। मैं दवा लेकर घर की तरफ आ रहा था, तभी छोटे भाई ने फोन कर कहा भैया घर गिर गया, मम्मी और पापा भी गिर गये हैं। इतना कहकर वह जोर-जोर से रोने लगा। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। किसी तरह दौड़ते हुए मैं घर पहुंचा और पाया कि मकान में रहनेवाले सभी लोग बाहर निकल आए हैं और मेरा भाई ऊपर कमरे में फंसा और मां एवं पिता मलबे के नीचे दबे पड़े हैं। यह कहना है पाथुरिया घाट स्ट्रीट में रहनेवाले 25 वर्षीय आदर्श अग्रवाल का। आदर्श ने बताया कि घटना के बाद से उनका छोटा भाई राघव अग्रवाल ट्रॉमा में है। फिलहाल वह बागुईआटी स्थित अपने मामा के घर पर है। आदर्श ने बताया कि उसके परिवार में मां-बाप के अलावा 15 वर्षीय छोटा भाई राघव, दादा, चाचा और बुआ हैं। उसके चाचा, दादा एवं बुआ मकान के चौथे तल्ले के घर में रहते हैं। उसके पिता अजय अग्रवाल राम मंदिर के निकट एक साड़ी की दुकान में काम करते हैं। वह एक नामी मेटालिक कंपनी का कर्मचारी है। छोटा भाई बड़ाबाजार के एक नामी स्कूल में कक्षा 11वीं का छात्र है। वहीं मां गृहिणी थीं। आदर्श ने बताया कि उसके छोटे भाई को 15 दिन पहले डेंगू हुआ था। डेंगू का इलाज अभी चल रहा था। बुधवार की रात 9.30 बजे जब वह ऑफिस से घर लौट रहा था तो उसकी मां इला ने फोन कर उसे कहा कि छोटे भाई को बुखार हो गया है। उसके लिए बुखार की दवा लेते आना। मां के कहने पर मैं भाई के लिए दवा लेकर वापस आ रहा था। रास्ते में जैसे ही लक्ष्मी मंदिर का दर्शन करके आगे बढ़ा तभी छोटे भाई ने फोन कर घटना की जानकारी दी। आदर्श के अनुसार अपनी आंखों के सामने मां-बाप को नीचे गिरते देख उसका छोटा भाई काफी मर्माहत है। वह किसी से बात करने की स्थिति में भी नहीं है। घटना के बाद से वह सहमा हुआ है। फिलहाल रिश्तेदार उनकी मदद कर रहे हैं। आदर्श ने कहा कि मकान मालिक के कारण उसकी मां की मौत हो गयी। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से अभियुक्त मकान मालिक पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की मांग की है।
मकान मालिक पर किरायेदारों ने लगाया गंभीर आरोप
इधर, मकान के किरायेदारों ने मकान मालिक पर गंभीर आरोप लगाया है। मकान के चौथे तल्ले पर रहनेवाले सुशील शर्मा ने बताया कि कुछ साल पहले मकान के खतरनाक घोषित होने के बाद हमलोगों ने मकान मालिक को कहा था कि वह मकान की मरम्मत कराएं। मरम्मत के दौरान आने वाले खर्च का आधा हिस्सा वे लोग भी वहन करेंगे लेकिन मकान मालिक इस पर राजी नहीं हुआ। वह चाहता है कि हमलोग किसी तरह यहां से मकान खाली करके चले जाएं। मकान में रहनेवाले एक और किरायेदार ने कहा कि मकान मालिक इसकी मरम्मत नहीं कराना चाहता है। वह किसी तरह से मकान पूरी तरह से खाली करवाकर अपना व्यवसाय करना चाहता है। इस घटना को लेकर स्थानीय पार्षद इलोरा साहा ने मकान मालिक पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मकान मालिक की लापरवाही के कारण आज महिला की जान चली गयी। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में 15 से 20 खतरनाक मकान हैं जहां अब भी लोग रहते हैं। सिर्फ मकान मालिक और किरायेदारों की समस्या के कारण उनका पुनर्निर्माण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मकान मालिक ने कुछ दिनों पहले डीजी बिल्डिंग से भी मकान की मरम्मत कराने की बात कही थी लेकिन उसने कोई काम नहीं कराया।
‘भैया घर गिर गया, मम्मी और पापा भी गिर गये’
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