न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य के 20 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि भाजपा इस आदेश की समीक्षा करने या वापस लेने का अनुरोध करते हुए एकल पीठ का रुख कर सकती है। भाजपा ने यह दावा करते हुए अपील दायर की थी कि एकल पीठ ने बिना कोई सुनवाई किये आदेश पारित कर दिया। भाजपा के वकील ने यह भी कहा कि संविधान के तहत यह प्रावधान है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी विवाद के मामले में निवारण के लिए निर्वाचन आयोग उपयुक्त प्राधिकारी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 20 मई को एक आदेश जारी कर भाजपा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने से चार जून तक रोक दिया था। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया चार जून को समाप्त होगी। अदालत ने आदेश में भाजपा को उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने से भी रोक दिया था, जिनका उल्लेख तृणमूल कांग्रेस ने अपनी याचिका में किया था। तृणमूल कांग्रेस ने विज्ञापन में पार्टी और कार्यकर्ताओं के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाए जाने का दावा किया है।
विज्ञापन मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से BJP को नहीं मिली राहत…
कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बुधवार को एकल पीठ के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि इसमे भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश टी। एस। शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन किया जाना चाहिए और किसी भी राजनीतिक दल की ओर से कोई व्यक्तिगत हमला नहीं किया जाना चाहिए।
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