Bengal Loksabha Election Results 2024 : बंगाल पर किसका कसा शिकंजा, फैसला आज | Sanmarg

Bengal Loksabha Election Results 2024 : बंगाल पर किसका कसा शिकंजा, फैसला आज

इन सीटों को लेकर खूब हुई चर्चा
चुनाव में पश्चिम बंगाल की कुछ सीटाें को लेकर खूब चर्चा हुई। इनमें दार्जिलिंग, बहरमपुर, कृष्णानगर, बनगांव, बैरकपुर, बशीरहाट, डायमण्ड हार्बर, कोलकाता उत्तर, हुगली, आरामबाग, तमलुक, घाटाल, मिदनापुर, विष्णुपुर, बर्दवान-दुर्गापुर और आसनसोल हैं।

कोलकाता : सुबह 8 बजे ईवीएम में बंद उम्मीदवारों की किस्मत का पिटारा एक-एक कर खुलने लगेगा। आज नतीजों के साथ ही यह स्पष्ट हो जायेगा कि पश्चिम बंगाल पर किसका ​शिकंजा कसने वाला है। अब लोगों में जिज्ञासा यह है कि एग्जिट पोल क्या सही साबित हो रहे हैं ? अगर ये सही साबित हो गये तो बंगाल की राजनीति की तस्वीर कैसी होगी ? बैरकपुर, आसनसोल, बर्दवान-दुर्गापुर, कोलकाता उत्तर, बारासात, बशीरहाट, कृष्णानगर से लेकर उत्तर बंगाल के कूचबिहार, बालूरघाट, जलपाईगुड़ी, रायगंज जैसी सीटों पर क्या फिर एक बार भगवा फहरायेगा या परिवर्तन की हवा बहेगी। उम्मीदवारों की बात ही छोड़िये, कार्यकर्ताओं के भी दिलों की धड़कनें तेज हो गयी हैं। हर जगह, चाहे चाय की दुकान हो या क्लब हो अथवा कोई भी गली-मोहल्ला या पाढ़ा हो, हर जगह एक ही चर्चा है कि आज किसकी जीत और किसकी हार होगी। आज अलग-अलग तस्वीरें और अलग-अलग रंग देखने को मिलेंगे। कहीं खुशी तो कहीं गम का दृश्य आज हाेगा। यहां उल्लेखनीय है कि पिछले 3 महीने से विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार किया और पार्टी के दिग्गजों ने सैकड़ों चुनावी सभाएं और रैलियां की। इन सबका परिणाम आज निकलने वाला है।

मतदाता रहे खामोश, अद्भुत चुनाव देखा राज्य ने

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार लाेकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल के लिये भी कई मायनों में अद्भुत रहा है। मतदाता इस बार पूरी तरह खामोश रहे। ऐसे में किसके पक्ष में साइलेंट वोटिंग हुई है, यह कहना काफी मुश्किल है। इस कारण राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से किसी भी सीट पर कोई यह निश्चित तौर पर नहीं बता सकता ​कि किसकी जीत पक्की है। हालांकि अधिकतर सीटों पर तृणमूल और भाजपा के बीच ही मुकाबला रहा है। अब देखना यह है कि आज लोगों का वोट किस ओर गया है और वोट पैटर्न कैसा रहा है।

एग्जिट पोल में भाजपा को मिली बढ़त

गत शनिवार को सातवें चरण के चुनाव के बाद एग्जिट पोल आये जिसमें पश्चिम बंगाल से भाजपा को बढ़त मिलते हुए दिखाया गया है। वहीं तृणमूल के सीटों की संख्या कम होने की बात कही जा रही है। वहीं कांग्रेस को एक सीट जबकि माकपा को इस बार भी शून्य सीटें मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में इस बार के चुनाव में भाजपा के नतीजों पर भी देश भर की निगाहें रहेंगी।

भ्रष्टाचार, संदेशखाली और लक्खी भंडार जैसे मुद्दे रहे हावी

इस बार चुनाव में यूं तो कई मुद्दों पर बात हुई मगर मुख्य तौर पर भ्रष्टाचार और संदेशखाली के मुद्दे हावी रहे। वहीं लक्खी भंडार के मुद्दे पर भी इस बार भाजपा और तृणमूल, दोनों ओर से बहस हुई। एक तरफ तृणमूल ने आरोप लगाया कि भाजपा लक्खी भंडार बंद करवाना चाहती है तो वहीं भाजपा ने लक्खी भंडार के तहत फंड बढ़ाने की बात कही। इधर, प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के दिग्गजों ने संदेशखाली और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी को घेरने की कोशिश की। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र द्वारा बंगाल की उपेक्षा और बंगाल का फंड रोके जाने जैसे मुद्दे उठाये।

माकपा-कांग्रेस गठबंधन कितना डालेगा असर

लोकसभा चुनाव में माकपा-कांग्रेस गठबंधन कितना असर डालेगा, यह भी देखने वाली बात हाेगी। गत 2021 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन का कोई असर नहीं पड़ा था। हालांकि इस बार लोगों में चर्चा है कि इस लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन कई सीटों पर समीकरण बदल सकता है। लोगों का कहना है कि इस बार माकपा ने अगर अधिक अल्पसंख्यक वोट काट लिये तो फिर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बन या बिगड़ सकते हैं। हालांकि यह किसके पक्ष में जायेगा, इसका फैसला आज होगा। इधर, तृणमूल और भाजपा, दोनों के लिये ही यह चुनाव ‘अस्तित्व की लड़ाई’ मानी जा रही है क्योंकि इस चुनाव में जिसकी जीत होगी, 2026 के विधानसभा चुनाव में उसके लिये राह और आसान हो जायेगी।

2019 का मत प्रतिशत

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 42 में से 22 सीटें मिली थीं जबकि भाजपा को 18 सीटें मिली थीं। वहीं कांग्रेस को 2 सीटें गत लोकसभा चुनाव में मिली थीं।

उस समय तृणमूल कांग्रेस को 43.3% वोट मिले थे जबकि भाजपा को 40.7% वोट हासिल हुए थे। वहीं कांग्रेस को केवल 5.67% वोट मिले थे। गत 2014 के लाेकसभा चुनाव की तुलना में 2019 के चुनाव में भाजपा को काफी बढ़त मिली थी। 2014 के लोस चुनाव में भाजपा को केवल 2 सीटें मिली थीं, ऐसे में 2019 के चुनाव में भाजपा को 16 सीटों पर बढ़त मिली थी जबकि तृणमूल को 12 सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा था। अब देखना है कि आज आने वाले नतीजों में वोट किसका वोट प्रतिशत कितना कम या अधिक होगा।

 

 

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