कालीघाट बैठक के बीच एक नई मांग

कालीघाट बैठक के बीच एक नई मांग
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कोलकाता : जब कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जूनियर डॉक्टरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक में व्यस्त हैं, तभी उनके घर के बाहर एक नई मांग उठाई गई है। धनंजय चट्टोपाध्याय के नाम को लेकर एक नई विवादित स्थिति सामने आई है, जिसे लेकर अब व्यापक चर्चा शुरू हो गई है। धनंजय चट्टोपाध्याय का नाम 90 के दशक के एक विवादास्पद मामले से जुड़ा हुआ है। कोलकाता में घटी हेतल पारेख रेप और मर्डर केस ने देशभर को हिला दिया था। इस मामले में, चट्टोपाध्याय को चौकीदार के रूप में संदिग्ध माना गया था और उन्हें सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, यह मामला लंबे समय से विवादित रहा है, और कई दशकों बाद एक बार फिर इसका नाम उठाया गया है।

मंच द्वारा पुनरावृत्ति की मांग

हाल ही में रिओपन मंच के प्रतिनिधि चंद्रचूड़ गोस्वामी ने धनंजय चट्टोपाध्याय के केस की पुनरावृत्ति की मांग की है। उनका कहना है कि इस केस की फिर से छानबीन की जानी चाहिए, खासकर लेफ्ट के जमाने में घटी इस घटना की। मंच का कहना है कि इस केस में न्याय नहीं मिला और इस पर एक विस्तृत जांच की आवश्यकता है।

आज की स्थिति और मांग

आज, कालीघाट के बाहर, इस मामले को लेकर एक नई मांग उठाई जा रही है। चंद्रचूड़ गोस्वामी ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष लाने की कोशिश की है। उनके अनुसार, 'तिलोत्तमा केस' के साथ जुड़ी कई अनसुलझी बातें हैं, जिन्हें सार्वजनिक रूप से उठाया जाना चाहिए और केस की पुनरावृत्ति की जानी चाहिए। इस नई मांग और विवाद के बीच, कालीघाट की बैठक की स्थिति भी महत्वपूर्ण हो गई है। जहां एक तरफ स्वास्थ्य सेवाओं और डॉक्टरों की समस्याओं को हल करने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ न्यायिक मामलों की पुनरावृत्ति की मांग भी उठाई जा रही है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि कोलकाता में न केवल स्वास्थ्य बल्कि न्यायिक मुद्दों पर भी गहरी नजर रखी जा रही है।

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